कर्नाटक के CM सिद्धारमैया को फिर तलब कर सकती है लोकायुक्त पुलिस, जांच पर बोले कानूनी सलाहकार
बंगलूरू: कर्नाटक में मुडा जमीन आवंटन केस में जांच का सामना कर रहे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के कानूनी सलाहकार ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो लोकायुक्त पुलिस सीएम को फिर से तलब कर सकती है। सीएम कानूनी सलाहकार एएस पोन्नन्ना ने कहा कि सीएम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। अगर जांच अधिकारी को जांच के दौरान कोई जानकारी मिलती है और वे सीएम के बयान दर्ज करना चाहते हैं, तो उनको बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत जांच अधिकारी ने सीएम को नोटिस दिया है। अगर दोबारा जरूरत पड़ी तो वह सीएम को बुलाएंगे। यह सामान्य प्रक्रिया है। जांच के दौरान जांच अधिकारी आरोपी और गवाहों को जितनी बार चाहें बुला सकते हैं।
लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को मुडा जमीन आवंटन मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से पूछताछ की थी। सिद्धारमैया एक समन के जवाब में लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए और लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) टीजे उदेश के नेतृत्व वाली टीम के सवालों के जवाब दिए। इसके बाद सीएम ने कहा था कि मैंने लोकायुक्त द्वारा पूछे गए सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं।
लोकायुक्त पुलिस की प्राथमिकी में आरोपी संख्या एक के रूप में नामित मुख्यमंत्री पर एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बीएम को 14 जगहों का आवंटन किए जाने में अनियमितताओं का आरोप है। 25 अक्तूबर को उनकी पत्नी से पूछताछ की गई थी, जिन्हें आरोपी संख्या दो बनाया गया है। सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू और अन्य का नाम मैसूर स्थित लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में दर्ज है। देवराजू से स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी। स्वामी और देवराजू पहले ही लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं।
क्या है मुडा घोटाला
मुडा (मैसूर अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी) घोटाला करीब 3.2 एकड़ जमीन के घोटाले से जुड़ा है। इस जमीन के एवज में मुडा ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को प्लॉट आवंटित किए थे। आरोप है कि इन प्लॉट के आवंटन में कथित अनियमितता बरती गई। दरअसल मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने साल 2010 में 3.2 एकड़ जमीन उपहार स्वरूप दी थी। बाद में यह जमीन मुडा द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण के दायरे में आ गई। जमीन अधिग्रहण के बदले पार्वती ने मुआवजे की मांग की तो मुडा ने उन्हें 14 प्लॉट आवंटित कर दिए। आरोप है कि ये प्लॉट मूल भूमि की कीमत से काफी ज्यादा कीमत के थे। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कथित घोटाला तीन से चार हजार करोड़ का हो सकता है।