आपके घर में ही मौजूद हैं कैंसर कारक कई चीजें, इन चीजों के इस्तेमाल को लेकर बरतें सावधानी

कैंसर वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, इसका खतरा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के अलावा कई अन्य कारक भी कैंसर के खतरे को बढ़ा रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि हम सभी रोजाना अपने घरों में कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनसे भी कैंसर का खतरा हो सकता है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, जो भोजन खाते हैं उससे लेकर सामान्य घरेलू उपयोग की वस्तुओं तक, कई कारणों से हमारे विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने का जोखिम हो सकता है जिससे दीर्घकालिक रूप में कैंसर होने का खतरा रहता है। अस्वास्थ्यकर आहार और व्यायाम की कमी जैसे जीवनशैली कारक भी आपमें कैंसर के जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। कई मामलों में विषाक्त पदार्थों के संपर्क से पूरी तरह से बच पाना संभव नहीं है पर कुछ चीजों का इस्तेमाल कम करके खतरे को जरूर कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि दैनिक उपयोग की किन चीजों के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं?

घरेलू आइटम्स में हो सकते हैं कैंसर कारक तत्व

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया घरों में रोजाना उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में मौजूद कार्सिनोजेन के संपर्क पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। नॉन-स्टिक कुकवेयर, प्लास्टिक कंटेनर, घरेलू क्लीनर से लेकर मोमबत्तियों आदि के उपयोग से हम कैंसर कारक तत्वों के संपर्क में आ सकते हैं। माइक्रोप्लास्टिक को लेकर हाल में हुए कई अध्ययनों में सभी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इतना ही नहीं शोध से पता चलता है कि शरीर में माइक्रोप्लास्टिक के कारण जीन से संबंधित विकारों का भी खतरा बढ़ सकता है।

नॉन-स्टिक कुकवेयर का इस्तेमाल

हम सभी के घरों में खाना पकाने के लिए नॉन-स्टिक तवे और कुकवेयर का इस्तेमाल किया जाता रहा है। इन पैन को तैयार करते समय टेफ्लॉन नामक तत्व की कोटिंग की जाती है। इसमें खाना बनाना और बर्तनों की सफाई करना आसान होता है। हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च तापमान पर गर्म करने पर नॉन-स्टिक बर्तनों से हानिकारक पेरफ्लूरिनेटेड नामक रसायन रिलीज होता है जिसकी अगर शरीर में अधिकता हो जाए तो इससे कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का जोखिम हो सकता है।

प्लास्टिक वाली चीजों का इस्तेमाल

प्लास्टिक के बर्तन-कंटेनर्स और पॉलिथीन बैग के उपयोग को लेकर लोगों को लगातार सावधान किया जाता रहा है। प्लास्टिक के टिफिन में गर्म खाना रखने से लेकर, प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने तक को अध्ययनों में शरीर के लिए कई प्रकार से हानिकारक प्रभावों वाला पाया गया है। प्लास्टिक के कंटेनर्स में बिस्फेनॉल-ए (बीपीए) और फेथलेट्स हो सकते हैं, इन दोनों को कैंसरकारक दुष्प्रभावों के लिए जाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्लास्टिक वाली चीजों का इस्तेमाल कम से कम करने की सलाह देते हैं।

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