भारत-चीन समेत 108 विकासशील देशों की प्रगति में बाधा बन रहा मध्यम आय का जाल; विश्व बैंक ने कही यह बात
चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत 108 विकासशील देशों की प्रगति में मध्यम आय का जाल गंभीर बाधा बन रहा है। विश्व बैंक के एक नए अध्ययन के अनुसार विकासशील देशों को ‘मध्यम आय के जाल’ से बाहर निकलने में सक्षम बनाने के लिए यह अध्ययन पहला व्यापक रोडमैप प्रदान करता है। पिछले 50 वर्षों के सबक से सीख लेते हुए ‘विश्व विकास रिपोर्ट-2024’ में पाया गया है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे प्रति व्यक्ति सालाना ‘मध्य आय के जाल’ में फंस जाते हैं, जो वर्तमान में 8,000 डॉलर (6.7 लाख रुपये) के बराबर है। यह विश्व बैंक की ओर से ‘मध्यम आय’ वाले देशों के रूप में वर्गीकृत की गई सीमा के बीच में है।
1990 में 34 देश ही उच्च आय वाली स्थिति में पहुंचने में सफल रहीं
1990 के बाद से केवल 34 मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्थाएं ही उच्च आय वाली स्थिति में पहुंचने में सफल रही हैं। उनमें से एक तिहाई से अधिक या तो यूरोपीय संघ में एकीकरण के लाभार्थी थे। 2023 के अंत में 108 देशों को मध्यम आय के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से प्रत्येक देशों की वार्षिक जीडीपी प्रति व्यक्ति 1,136 से 13,845 डॉलर के बीच थी। इन देशों में छह अरब (वैश्विक आबादी का 75 प्रतिशत) और हर तीन में से दो अत्यधिक गरीब यहीं रहते हैं। विश्व बैंक ने कहा कि वे वैश्विक जीडीपी का 40 प्रतिशत से अधिक और कार्बन उत्सर्जन का 60 प्रतिशत से अधिक उत्पन्न करते हैं।
उच्च आय की स्थिति तक पहुंचने के लिए ‘3आई रणनीति’ का प्रस्ताव
विश्व बैंक समूह के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमीत गिल ने कहा, वैश्विक आर्थिक समृद्धि की लड़ाई में मध्य आय वाले देशों में से बहुत से देश उन्नत अर्थव्यवस्था बनने के लिए पुरानी रणनीतियों पर निर्भर हैं, जबकि इसमें नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अब एक त्रिआयामी रणनीति की जरूरत हैं, जो निवेश, समावेश और नवाचार को संतुलित करे। रिपोर्ट में देशों को उच्च आय की स्थिति तक पहुंचने के लिए ‘3आई रणनीति’ का प्रस्ताव दिया गया है।
सभी तीन चरणों में दक्षिण कोरिया का बेहतरीन उदाहरण
गिल ने कहा कि विकास के चरण के आधार पर सभी देशों को अधिक परिष्कृत नीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। मसलन 1आई चरण में कम आय वाले देश केवल निवेश बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई नीतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। एक बार जब वे निम्न-मध्यम आय की स्थिति प्राप्त कर लेते हैं, तो उन्हें गियर बदलने की आवश्यकता होती है। 2आई चरण में निवेश और ज्यादा निवेश पर फोकस करना चाहिए। इसमें विदेशों से प्रौद्योगिकियों को अपनाना और उन्हें अर्थव्यवस्था के रूप में समाहित करना शामिल है। उच्च-मध्यम आय स्तर पर देशों को फिर से गियर बदलकर अंतिम 3आई चरण में जाना चाहिए, जिसका मतलब निवेश, नवाचार और प्रौद्योगिकी की वैश्विक सीमाओं को आगे बढ़ाना हैं। रिपोर्ट में 3आई रणनीति में दक्षिण कोरिया का बेहतरीन उदाहरण दिया गया है।