भीड़ ने की पुलिस स्टेशनों पर धावा बोलने की कोशिश; सुरक्षाबलों ने दिया जवाब; कर्फ्यू में ढील रद्द
मणिपुर में जारी हिंसा थमती नहीं दिख रही है। इस बीच, पांच युवकों की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को भीड़ ने हिंसक प्रदर्शन किया। बिना शर्त इन युवकों की रिहाई की मांग कर रही भीड़ ने इंफाल पूर्व में पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन और इंफाल पश्चिम जिले में सिंगजामेई पुलिस स्टेशन और क्वाकीथेल पुलिस चौकी पर हमले की कोशिश की।
हालांकि, सुरक्षा बलों ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले
सुरक्षा बलों ने इन लोगों ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 10 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने इस बारे मे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में शाम पांच बजे से कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि भीड़ को छह स्थानीय क्लबों और मीरा पैबिस ने उकसाया था।
कौन करेगा मैकेई गांवों की रक्षा- प्रदर्शनकारी
इस दौरान पोरोम्पैट में बिमोला नाम के एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे पास गिरफ्तारी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि सरकार ने पांच गांव के स्वयंसेवकों को रिहा नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही गांव के स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया जाता रहा तो मैतेई गांवों की रक्षा कौन करेगा।
16 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि 16 सितंबर को मणिपुर पुलिस ने अत्याधुनिक हथियार रखने और फर्जी वर्दी पहनने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने एक बयान भी जारी किया था। उन्होंने कहा था कि पांचों को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
कर्फ्यू में ढील रद्द
गुरुवार को हुए इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार ने इंफाल के दोनों जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील रद्द कर दी। इंफाल पश्चिम के जिला मजिस्ट्रेट ने इस बारे में आधिकारिक आदेश भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 21 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, जिसे शाम 5 बजे से वापस ले लिया गया है। ऐसे में पहले से जारी सभी प्रतिबंध लागू रहेंगे। ऐसे ही आदेश पूर्वी इंफाल में भी दिए गए हैं।