महंगाई बढ़ने व आर्थिक वृद्धि दर स्थिर रहने की चिंताओं के बीच एमपीसी की बैठक शुरू, फैसले का एलान आठ को
रिजर्व बैंक की ब्याज दर तय करने वाली समिति ने मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के स्थिर रहने की चिंताओं और नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीदों के बीच तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक शुरू की।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा गुरुवार (08 अगस्त 2024) को की जाएगी। विशेषज्ञों ने कहा कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से भी परहेज कर सकती है क्योंकि 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) की बढ़ी ब्याज दर के बावजूद आर्थिक वृद्धि रफ्तार पकड़ रही है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जून में बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.08 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकार इस महीने के अंत में जुलाई के आंकड़े जारी करेगी।
एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि रिजर्व बैंक अपने मौद्रिक रुख को जारी रखेगा। रिपोर्ट के अनुसार, ‘आरबीआई के मौजूदा मौद्रिक रुख पर कायम रहने की उम्मीद है क्योंकि खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव आरबीआई के 4.5 फीसदी के अनुमान से अधिक रहा है। अगस्त और सितंबर में अधिक बारिश की संभावना का भी खाद्य कीमतों पर असर पड़ सकता है।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार एमपीसी आठ अगस्त को नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रख सकती है।
फिच ने कहा, “हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक एमपीसी आठ अगस्त को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखेगी और इसके पक्ष में 4:2 का मत पड़ेगा। केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति के रुख को बरकरार रखेगी और वृद्धि को लेकर अपेक्षाकृत आशावादी रहेगी और चार प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्धता दोहराएगी।”
केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी थी और तब से उसने अपनी पिछली सात द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षाओं में दर को समान स्तर पर रखा है।