डिजिटल कॉमर्स के दम पर आए बदलाव से एमएसएमई को मिला सबसे ज्यादा फायदा
चाहे अर्थव्यवस्था बड़ी हो या छोटी, हर अर्थव्यवस्था में कुछ कंपनियां ऐसी होती हैं, जो हमेशा चर्चा में रहती हैं। हालांकि चकाचौंध से दूर किसी भी देश के कारोबार का झंडा बुलंद करने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) ही होते हैं। पारंपरिक तौर पर पहले एमएसएमई की बाजार, टेक्नोलॉजी और फंड तक पहुंच सीमित हुआ करती थी। टेक्नोलॉजी या तो उनके काम की नहीं होती थी या फिर उस तक पहुंच मुश्किल होती थी। दूसरी ओर, फंड बहुत महंगे होते थे। नतीजतन ये उद्यम आकार में छोटे ही रह जाते थे और कभी अपनी स्थानीय सीमा से बाहर नहीं बढ़ पाते थे।
दो दशक पहले डिजिटल कॉमर्स का पदार्पण हुआ और एमएसएमई के संचालन का तरीका हमेशा के लिए बदल गया। अब नतीजा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है – रेडसियर की तरफ से एमएसएमई को लेकर जारी हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 6.4 करोड़ एमएसएमई संचालन में है और इनमें से 12 प्रतिशत यानी करीब 77 लाख एमएसएमई डिजिटल रूप से सशक्त हैं। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
बाजार तक पहुंच में हो रहा सुधार
ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी को लोकतांत्रिक बनाने में अहम साबित हुए हैं। एक ओर जहां टेक्नोलॉजी की लागत कम हो रही है, वहीं यह लगातार बदल और बढ़ रही है। ऐसे में नई टेक्नोलॉजी को खरीदना हमेशा बहुत आसान नहीं होता है। इसी कमी को ईकॉमर्स पूरा कर देता है। यहां एमएसएमई को टेक्नोलॉजी तक पहुंच मिलती है, जिसे वे अपनी जरूरत के अनुरूप प्रयोग करने में सक्षम होते हैं। इसलिए उन्हें लगातार टेक्नोलॉजी में निवेश करने की जरूरत नहीं रह जाती।
लॉजिस्टिक्स की महंगी व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी भी ईकॉमर्स कंपनियां उठाती हैं, जिससे ज्यादातर एमएसएमई को बस अपने मुख्य परिचालन पर ध्यान देना होता है और उनका कारोबार बढ़ता है। ईकॉमर्स कंपनियों की तरफ से मिलने वाली डिजिटल टेक्नोलॉजी की मदद से एमएसएमई के लिए कारोबार का विस्तार करने के साथ-साथ इन्वेंटरी मैनेजमेंट से लेकर अकाउंटिंग एवं बिलिंग तक के रोजाना के काम करना भी संभव होता है।
बड़े फुटप्रिंट, टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच से एमएसएमई अब ज्यादा लोगों तक अपने उत्पाद पहुंचाने में सक्षम हुए हैं। ज्यादा बड़े बाजार तक पहुंचने की इस क्षमता से उनका राजस्व और लाभ बढ़ा है।
टेक्निकल सहयोग प्रदान कर रहे हैं और डाटा का पूरा लाभ उठा रहे हैं
ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी के आने से परिचालन की दक्षता उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। बहुत से ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म ऑनबोर्डिंग की व्यापक प्रक्रिया और यूजर फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करते हैं। इन पर ऑनबोर्ड होने की प्रक्रिया बहुत आसान है, जिससे इंटरनेट बिजनेस की दुनिया में पूरी तरह से नए लोग भी आसानी से इसमें आगे बढ़ पाते हैं।