‘भारत की आपदा विशेषज्ञता से म्यांमार को मिलेगी अहम मदद’, संयुक्त राष्ट्र ने जमकर की तारीफ

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने म्यांमार की मदद के लिए भारत की तारीफ की है। उन्होंने कहा- म्यांमार में हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने जिस तेजी और प्रभावी तरीके से सहायता पहुंचाई है, उसने उसे एक प्रमुख मानवतावादी सहयोगी के रूप में स्थापित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय के लिए कार्यालय (ओसीएचए) के म्यांमार प्रमुख सज्जाद मोहम्मद सज्जाद ने कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत तेजी से मदद पहुंचाई है, जिसमें 1,000 मीट्रिक टन से ज्यादा राहत सामग्री– जैसे खाना, दवाएं और फील्ड हॉस्पिटल – भेजा गया।
म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप
28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र मंडाले के पास था। अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, इस विनाशकारी भूकंप में 3,500 से अधिक लोग मारे गए हैं और 5,000 से ज्यादा लोग घायल हैं। जबकि 200 लोग अब भी लापता हैं। इसकी वजह से 1.7 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं 90 लाख लोगों ने भूकंप के सबसे तेज झटके महसूस किए।
भारत की तेज मदद बनी जीवन रेखा
यूएन के अधिकारी सज्जाद ने कहा कि भारत की त्वरित मदद से खासतौर पर मंडाले जैसे शहरी इलाकों में लोगों को बड़ी राहत मिली है। भारत ने 200 सदस्यों की एक सर्च और रेस्क्यू टीम व डॉक्टरों की टीम भी भेजी है। मांडले में भारत की तरफ से लगाया गया फील्ड हॉस्पिटल खास तौर पर जरूरी साबित हो रहा है क्योंकि वहां के कई अस्पताल और ऑपरेशन थिएटर अब भी काम नहीं कर रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘जब स्थानीय स्वास्थ्य सेवाएं ठप हों, तब इस तरह का फील्ड हॉस्पिटल बहुत अहम होता है।’
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
भूकंप से म्यांमार के 330 में से 58 शहरी इलाके प्रभावित हुए हैं। साथ ही कई सड़कें, पुल और हवाई अड्डे भी टूट गए हैं, जिससे राहत कार्यों में देरी हो रही है। मांडले और सगाइंग को जोड़ने वाला नया पुल टूट गया है, और पुराना पुल अब सीमित भार के साथ ही चालू है।