मुंबई में सुभासपा का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, राजभर का ऐलान- महाराष्ट्र में लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित भारतरत्न गान सम्राज्ञी लता मंगेशकर नाट्यगृह में 22 अगस्त को संपन्न हो गया। पार्टी ने इस अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण राजनैतिक और सांगठनिक फैसले लिए। पार्टी ने अगले कुछ महीनों में विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरने का फैसला लिया। साथ ही, पार्टी ने संगठन को चुस्त करने और पार्टी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई सांगठनिक प्रस्तावों को भी मंजूरी दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि महाराष्ट्र में 288 सीट हैं और इनमें 48 प्रतिशत उत्तर भारतीय महाराष्ट्र की राजनीति में मजबूत दखल रखते है जिस तरफ होते है उधर पलड़ा भारी रहता है, बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय होने के बाद भी राजनीति में उनकी भागीदारी नहीं हो पाई है। उन्हें संगठन में वोट दिलाने के लिए रखा ज़रूर जाता है, लेकिन विधानसभा और लोकसभा में उन्हें भागीदारी नहीं दी जाती है। राजभर ने कहा कि अब समय आ गया है अपने उत्तर भारतीयों की ताकत को सुभासपा के साथ जोड़कर दिखाने का।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन में कई राज्य के पदाधिकारी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन में महाराष्ट्र के विभिन्न जातियों के सगठनों के प्रतिनिधियों से संवाद हुआ। उन्होंने दावा किया कि विधान सभा चुनाव में सुभासपा मजबूती से चुनाव लड़ेगी और विधान सभा में दलित- पिछड़ों की मजबूत आवाज बनेगी।
ओमप्रकाश राजभर ने राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा- बसपा सहित विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग केवल दलित पिछड़ों के नाम पर राजनीतिक रोटी सेकते हैं, लेकिन जब उन्हें हक देने की बात आती है तो पीछे हट जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कमजोरों को आरक्षण देने की बात कही थी। सपा और बसपा पूंजीपतियों के बेटा- बेटी और आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, डीएम, पीसीएस के बेटा को अफसर बनाना चाह रहे हैं, जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने अतिदलितों, अति पिछड़ों, वंचित वर्गों को आरक्षण देने की वकालत की है।