कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा, पढ़े पूरी खबर

जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए दिल्ली की एक अदालत ने गंभीर टिप्पणी की। दरअसल विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम)अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं।

उम्रकैद की सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने 20 पृष्ठों के अपने फैसले में कहा कि जिस अपराध के लिए मलिक को दोषी ठहराया गया है उनकी प्रकृति गंभीर है। न्यायाधीश ने हालांकि कहा कि यह मामला ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम मामला’’ नहीं है जिसमें मृत्युदंड सुनाया जाए।

पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने मलिक की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने अहिंसा के गांधीवादी सिद्धांत का पालन किया था और शांतिपूर्ण अहिंसक संघर्ष का नेतृत्व कर रहे थे।

 

अदालत में मलिक द्वारा दाखिल जवाब में कहा गया, ‘‘1994 में संघर्षविराम के बाद, उसने घोषणा की थी कि वह महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण मार्ग का अनुसरण करेगा और एक अहिंसक राजनीतिक संघर्ष में शामिल होगा। उसने आगे तर्क दिया है कि तब से उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि पिछले 28 वर्षों में उसने किसी भी आतंकवादी को कोई आश्रय प्रदान किया था या किसी आतंकवादी संगठन को कोई साजोसामान संबंधी सहायता प्रदान की थी।’’ मलिक ने अदालत को बताया कि उसने वी पी सिंह के समय से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक सभी प्रधानमंत्रियों से मुलाकात की, जिन्होंने उससे बातचीत की और उसे एक राजनीतिक मंच दिया।

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