ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन का दावा- 5 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी GDP, बदल रहा है भारत का नौकरी बाजा
अर्थव्यवस्था की तेजी से 2028 तक देश में बेरोजगारी दर 0.97 फीसदी घटकर 3.68 फीसदी पहुंच सकती है। इस दौरान जीडीपी बढ़कर 5 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन यानी ओआरएफ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल बेरोजगारी की दर 4.47 फीसदी रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के नौकरी बाजार में बदलाव आ रहा है, क्योंकि देश कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश की युवा आबादी, जिसकी औसत आयु 28.4 वर्ष है, आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देने में प्रमुख योगदान रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर के साथ, भारत संभावित रूप से 2026-27 तक 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। यह वृद्धि मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के जरिये होगी। रिपोर्ट उन क्षेत्रों की पहचान करती है जिन्हें देश की 18-35 वर्ष की आयु की 60 करोड़ से अधिक आबादी आकांक्षी मानती है, क्योंकि ये क्षेत्र आने वाले वर्षों में विकास के इंजन के रूप में कार्य कर सकते हैं। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि जैसे-जैसे भारत 5 लाख करोड़ डॉलर के लक्ष्य के करीब पहुंचेगा, कुल रोजगार में 22% की वृद्धि हो सकती है। सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोजगार पैदा होने वाला है। प्रत्येक इकाई की वृद्धि से रोजगार में 0.12% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
प्रयासों के बावजूद विनिर्माण क्षेत्र में घट रहीं नौकरियां
भारत के विनिर्माण क्षेत्र के अनुमान कम आशावादी हैं। भारत से अमेरिका के बढ़ते आयात, भारत की प्रतिस्पर्धी लागत संरचनाओं और श्रम संसाधनों और मेक इन इंडिया जैसी प्रमुख योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण के लिए सरकार के दबाव के बावजूद, इस क्षेत्र में रोजगार में गिरावट आई है।
ऑटोमेशन से रोजगार पर संदेह
तकनीकी प्रगति और बढ़े हुए ऑटोमेशन से देश की बढ़ती कार्यबल को समाहित करने की क्षमता पर संदेह बना हुआ है। सेवा क्षेत्र से जुड़ी औद्योगिक मूल्य श्रृंखलाओं की ओर परिवर्तन से रोजगार को फिर से जीवंत करने में मदद मिल सकती है।