पाकिस्तान ने सैन्य अभियान के लिए US से मांगे छोटे हथियार, कहा- क्षेत्रीय सुरक्षा बेहद जरूरी
पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने अमेरिका से आग्रह किया कि वह इस्लामाबाद में आतंकवाद के खिलाफ शुरू किए गए अभियान ‘अज्म-ए-इस्तेकाम’ की सफलता सुनिश्चित करने के लिए छोटे हथियार और आधुनिक उपकरण मुहैया कराए। शहबाज शरीफ सरकार ने हाल ही में इस सैन्य अभियान को मंजूरी दी है।
‘छोटे हथियारों-आधुनिक उपकरणों की जरूरत’
‘डॉन’ अखबार ने राजदूत खान के हवाले से कहा, “पाकिस्तान ने आतंकवादियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए अज्म-ए-इस्तेकाम अभियान शुरू किया है। इसके लिए हमें छोटे हथियारों और आधुनिक संचार उपकरणों की जरूरत है। मसूद खान ने इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिका के विल्सन सेंटर में अमेरिकी नीति-निर्माताओं, विद्वानों, थिंक टैंक और कॉरपोरेट नेताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।”
‘जल्द शुरू होगा अभियान का तीसरा चरण’
खान ने बताया कि ‘अज्म-ए-इस्तेकाम’ अभियान में तीन महत्वपूर्ण चरण शामिल हैं- सैद्धांतिक, सामाजिक और परिचालन। उन्होंने कहा कि पहले दो चरणों पर काम शुरू हो चुका है, तीसरे चरण को जल्द ही शुरू किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, यह आतंकवाद रोधी अभियान शुरू करने का फैसला तब लिया गया है, जब देश को तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकवादियों के सिलसिलेवार हमलो का सामना करना पड़ा है।
‘क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हथियार बेहद जरूरी’
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका को मजबूत रक्षा संबंध बनाए रखना चाहिए और खुफिया सहयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को उन्नत सैन्य हथियारों की बिक्री फिर से शुरू करनी चाहिए। अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने कहा, यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है और आतंकवाद की लहर अमेरिका और उसके सहयोगियों के हितों के लिए भी खतरा है। उन्होंने आगे कहा कि द्विपक्षी संबंध जमीनी हकीकत पर आधारित होने चाहिए। खान ने कहा, कुछ मुद्दों के चलते संबंधों को रोकना नहीं चाहिए। एक या दो मुद्दों की वजह से पूरे रिश्ते को नहीं बिगाड़ा जाना चाहिए।