पर्सनल लोन की वृद्धि दर जनवरी में घटकर 14.2 फीसदी पर, उद्योगों के कर्ज में बढ़ोतरी
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वाहनों और क्रेडिट कार्ड के बकाये में कमी से जनवरी के पहले पखवाड़े तक पर्सनल लोन की वृद्धि दर घटकर 14.2 फीसदी पर आ गई है। एक साल पहले समान अवधि में यह दर 18.2 फीसदी रही थी आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-खाद्य क्षेत्र को दिए गए कर्ज की वृद्धि दर 12.5 फीसदी रही है जो एक साल पहले समान अवधि में 16.2 फीसदी रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, 24 जनवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े में कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए ऋण में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एक साल पहले यह 20 फीसदी थी। उद्योग को दिया गया कर्ज मामूली बढ़कर 8.2 फीसदी रहा है, जबकि पिछले वर्ष इसी पखवाड़े में यह 7.5 फीसदी था। आरबीआई ने रिपोर्ट में कहा, प्रमुख उद्योगों में पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद और परमाणु ईंधन, बुनियादी धातु और धातु उत्पाद, केमिकल और रासायनिक उत्पाद और सभी इंजीनियरिंग के बकाया कर्ज में कमी आई है। आरबीआई ने यह आंकड़ा 41 चुनिंदा वाणिज्यिक बैंकों के आधार पर जारी किया है।
क्या है पर्सनल लोन ?
पर्सनल लोन (Personal Loan) आकस्मिक ज़रूरतों के लिए कम समय में, कम दस्तावेज़ों के बैंकों से मिलने वाला कर्ज है। इससे व्यक्तियों के लिए आर्थिक इमरजेंसी के समय धन का उपयोग करना आसान हो जाता है। अपनी भुगतान क्षमता के अनुसार उधार लेना याद रखें क्योंकि जितना आप चुका सकते हैं उससे अधिक उधार लेना आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है।
किन परिस्थितिओं के लिए आप पर्सनल लोन ले सकते हैं ?
पर्सनल लोन का सबसे अहम फायदा यह है कि आपकी आकस्मिक ज़रूरतों के लिए यह सबसे कारगर है। इसके अतिरिक्त आप इलाज के लिए, शादी या दूसरे समारोहों के लिए, घूमने व आदि ज़रूरतों के लिए पर्सनल लोन ले सकते है। हालांकि, जितना कम आप उधार लेंगे, उतनी ही आसानी से आप राशि का भुगतान कर पाएंगे। इसलिए, केवल आपातकाल के मामले में उधार लें और इसलिए नहीं कि यह आसानी से उपलब्ध है।