बिहार में उपचुनाव स्थगित कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जानें प्रशांत किशोर की पार्टी ने क्या दी थी दलील

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रशांत किशोर की पार्टी की तरफ से बिहार विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव को स्थगित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुयन की बेंच ने कहा कि तय हो चुके उपचुनावों में दखल देने के लिए अब काफी देर हो चुकी है।

बिहार में 13 नवंबर को चार सीटों पर वोटिंग होनी है। इनमें रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज की सीटें शामिल हैं।प्रशांत किशोर की पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका डाल कर कहा था कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में धार्मिक आयोजनों का हवाला देकर चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया था। हालांकि, बिहार में छठ पूजा के बावजूद ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार में छठ पूजा से अहम कोई और त्योहार नहीं है। इसके बावजूद चुनाव की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने इसे नीतिगत मामला बताते हुए कहा कि अदालतों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। कोर्ट ने पाया कि यह सभी इंतजाम बिहार उपचुनाव के लिए किए गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि बाकी राजनीतिक दलों को दिक्कत नहीं है। सिर्फ आपकी पार्टी को समस्या है। आप एक नया राजनीतिक दल हैं। आपको यह टेढ़ी-मेढ़ी समस्या को जानना होगा।

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