पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के जीवन पर आधारित पुस्तकों का किया विमोचन, आपातकाल पर फिर कांग्रेस को घेरा
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्व उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के जीवन पर आधारित तीन पुस्तकों को विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन पुस्तकों का विमोचन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने आपातकाल के काले अध्याय को याद किया और कांग्रेस को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री ने वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी जीवनी लोगों को प्रेरित करेगी।
‘नायडू से सीखने का अवसर मिला’
प्रधानमंत्री ने पूर्व उपराष्ट्रपति की जीवनी ‘वेंकैया नायडू – सेवा में जीवन’, ‘भारत का जश्न – भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में श्री एम वेंकैया नायडू का मिशन और संदेश’, ‘महानता – श्री एम वेंकैया नायडू का जीवन और यात्रा’ का विमोचन किया। हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में वेंकैया नायडू, कई अन्य नेता और प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। किताबों के विमोचन के बाद अपने संबोधन में कहा, ‘कल 1 जुलाई को वेंकैया नायडू की जीवन यात्रा के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। ये 75 वर्ष असाधारण उपलब्धियों के रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज मुझे उनकी जीवनी के साथ-साथ दो और पुस्तकों का विमोचन करने का अवसर मिला है। मेरा मानना है कि ये पुस्तकें लोगों को प्रेरित करेंगी और उन्हें राष्ट्र सेवा की सही दिशा दिखाएंगी।’
आपातकाल को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को याद करते एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के संविधान की प्रतिष्ठा को धूमिल करके लगाए गए आपातकाल को 50 वर्ष हो गए हैं। वेंकैया जी आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों में से थे और उस समय वेंकैया जी लगभग 17 महीने जेल में रहे थे। मैं उन्हें अपना सच्चा साथी मानता हूं, जिनकी आपातकाल की अग्नि में परीक्षा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सत्ता सुख का साधन नहीं बल्कि सेवा और संकल्पों की सिद्धि का माध्यम है।
वेंकैया जी ने यह तब भी साबित कर दिया था, जब उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में शामिल होने का अवसर मिला। वेंकैया जानते थे कि उन्हें कोई भी मंत्रालय मिलेगा, जो वे चाहते हैं, लेकिन उन्होंने आगे बढ़कर कहा कि अगर मुझे ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया जाए तो अच्छा रहेगा। नायडू जी गांव, गरीब और किसानों की सेवा करना चाहते थे। वे भारत के एकमात्र मंत्री थे, जिन्होंने अटल जी के समय ग्रामीण विकास के लिए काम किया और शहरी विकास मंत्री के रूप में कैबिनेट में एक वरिष्ठ साथी के रूप में हमारे साथ काम किया।’ प्रधानमंत्री ने नायडू के साथ आपातकाल के समय 17 महीने जेल में रहने का भी जिक्र किया।