पीएम मोदी ने कहा भाजपा की आज 18 राज्यों में सरकार, 400 सांसद और इतने विधायक

पीएम नरेंद्र मोदी ने जयपुर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अभी हमें थकना नहीं है और चलते रहना है। उन्होंने कहा कि भाजपा की आज 18 राज्यों में सरकार है। 1300 से ज्यादा विधायक हैं और 400 से ज्यादा सांसद हैं। इन सफलताओं को हम देखते हैं तो स्वाभाविक मन आराम का होता है, लेकिन हमें सत्ता भोग ही करना होता तो भारत जैसे विशाल देश में इतना पाकर हम आराम करने लगते। हमें यह रास्ता मंजूर नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अभी हमें बहुत काम करना है। आम लोगों को जागरूक करना है और देश को विकास की राह पर निरंत ले जाना है।

पीएमनरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्होंने हमारे देश और दल के लिए जीवन खपाया है, उन्होंने हमें आराम की इजाजत नहीं दी है। मुझे खुशी है कि भाजपा के कार्यकर्ता अनवरत परिश्रम में लगे हुए हैं। जिस पार्टी के पास ऐसे कार्यकर्ता हों, उसे गर्व कैसे नहीं होगा। इस महीने केंद्र की भाजपा सरकार के 8 साल पूरे हो रहे हैं। यह 8 साल संकल्प और सिद्धि के रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश के 130 करोड़ लोगों की आकांक्षाएं इस प्रकार जग जाती हैं तो फिर सरकारों की जवाबदेही बढ़ती है। जब लोगों की आकांक्षाएं बढ़ती हैं तो फिर परिश्रम का जज्बा भी बढ़ता है। यही जज्बा आजादी के इस अमृत काल में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते हमें आराम से बैठने का कोई अधिकार नहीं है।उन्होंने कहा कि देश की जनता भाजपा को बहुत विश्वास और उम्मीद से देख रही है। हमें उनकी आशा और आकांक्षा को पूरा करने का हमारा दायित्व बहुत बड़ा है। आजादी के इस अमृत काल में देश अपने लिए अगले 25 सालों के लक्ष्य तय कर रहा है। भाजपा के लिए भी यह समय अगले 25 सालों के लक्ष्य तय करने का समय है। देश के लोगों की जो उम्मीद हैं, हमें वो पूरी करनी हैं। हमारा दर्शन पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद है और हमारा मंत्र सबका साथ सबका विकास है। किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जब लंबे उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता तो वह बीमारी को ही अपनी नियति मान लेता है। वह उसे ही सच्चाई मान लेता है और उसमें जीना सीख लेता है। वह सोचने लगता है कि किसी भी तरह दिन कट जाए।राष्ट्र के जीवन में भी ऐसा होता है। भारत में भी ऐसा हुआ कि लोगों की सोच मजबूरन ऐसी हो गई थी कि अब कोई सहारा नहीं है, अब तो इसी में गुजारा होना है। उनकी न तो सरकार से कोई उम्मीद थी और न ही सरकारें उनके प्रति कोई जवाबदेही समझ रही थीं। देश की जनता ने 2014 में एक नया इतिहास लिखने का फैसला किया था। उसके बाद भाजपा देश को इस सोच से बाहर निकाल कर लाई है। आज हिंदुस्तान का नागरिक काम होते देखना चाहता है, परिणाम चाहता है। राजनीतिक नफा-नुकसान से अलग मैं इसे जनता में आया सकारात्मक बदलाव मानता हूं।

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