कूटनीति-बातचीत से खत्म हो जंग, इजराइल-हमास को पीएम मोदी का सुझाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे संस्करण का शुरुआत की. वर्चुअल समिट को उन्होंने संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में मिडिल ईस्ट में उभरती चुनौतियों और ग्लोबल साउथ को एकजुट होने की जरूरतों पर जोर दिया.
हमास-इजराइल युद्ध का जिक्र करते हुए पीएम ने हालात से निपटने में बातचीत, कूटनीति को प्राथमिकता देने के भारत के रुख को स्पष्ट किया. उन्होंने इजराइल पर हमास के हमले को आतंकी हमला करार दिया और गाजा में आम नागरिकों के हताहत की निंदा की.
वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट को एक विशेष मंच के रूप में देखा जाता है, जो प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक 21वीं सदी की दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है. पीएम मोदी ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया यानि मध्य पूर्व में ताजा गतिविधियों से नई चुनौतियां उभर रही हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत इजराइल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजी गई है.
प्रधानमंत्री ने समिट में ‘पांच-सी’ पर दिया जोर
भारत ने विकासशील देशों के सामने आने वाली चिंताओं और चुनौतियों को उजागर करने के लिए जनवरी में ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ के पहले संस्करण की मेजबानी की थी. पीएम मोदी ने कहा, ‘वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिंबित करने वाला सबसे अनूठा मंच है.’ प्रधानमंत्री ने ‘पांच सी’ – कंसल्टेशन, कम्यूनिकेशन, कोऑपरेशन, क्रिएटिविटी और कैपेसिटी बिल्डिंग पर जोर दिया.
भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन बना जी20 का सदस्य- पीएम
प्रधानमंत्री ने उस पल को भी याद किया जब भारत की ही कोशिशों से अफ्रीकी यूनियन को जी20 का सदस्य बनाया गया. 1999 में स्थापना के बाद से ताकतवर देशों के ग्रुप का भारत की अध्यक्षता में पहली बार विस्तार किया गया. प्रधानमंत्री ने जी20 समिट में चर्चा किए गए क्लाइमेट फाइनेंस का भी जिक्र किया और बताया कि सम्मेलन के दौरान ग्लोबल साउथ को तमाम मदद देने की आम सहमति बनी. उन्होंने कहा, भारत का मानना है कि नई तकनीक से ग्लोबल साउथ और नॉर्थ के बीच दूरी नहीं बढ़नी चाहिए.