अपने जन्मस्थल पहुंचकर भावुक हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, स्कूल के शिक्षकों का किया सम्मान
भुवनेश्वर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ओडिशा के मयूरभंज में अपने जन्मस्थल उपरबेड़ा गांव का दौरा किया। अपने जन्मस्थल का दौरा करने के दौरान वह भावुक हो गईं। राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि उन्होंने कभी भी उपरबेड़ा को स्थान के तौर नहीं देखा। वह इसे हमेशा एक परिवार की तरह देखती हैं। बता दें कि राष्ट्रपति मुर्मू का जन्म उबरबेड़ा गांव के एक संताली परिवार में हुआ था। 25 जुलाई 2022 में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद वह पहली बार अपने जन्मस्थल का दौरा कर रही हैं। इस दौरे के दौरान स्कूल के छात्रों से मुलाकात की और अपने शिक्षकों को सम्मानित भी किया।
उपरबेड़ा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू
उपरबेड़ा पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू उपरबेड़ा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पहुंचीं। यहीं से उन्होंने शुरुआती शिक्षा प्राप्त की। उनके स्वागत में स्कूल समेत पूरे गांव को सजाया गया था। स्कूल के शिक्षकों, छात्रों और गांववालों ने उका स्वागत किया। छात्रों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, “मैं 66 साल की हूं और बड़ा होने का मन नहीं करता। मैं अपने स्कूल और गांव में एक बच्चे की तरह महसूस करती हूं। मुझे याद है कि मिट्टी की दीवारों वाली कक्षाओं में शिक्षक हमें पढ़ाया करते थे।” उन्होंने बताया कि स्कूल के शिक्षक और गांववाले उन्हें परिवार के सदस्य के तौर पर मानते हैं।
बचपन की यादों को ताजा करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “मुझे अभी भी याद है, जब मैं कक्षा-7 छात्रवृत्ति परीक्षा की तैयारी कर रही थी। हमारे शिक्षक मदन मोहन सर मुझे अपने परिवार के पास ले गए। मैं उनके बच्चों के साथ रहकर छात्रवृत्ति की तैयारी कर रही थी। मुझे जो प्यार इस गांव और स्कूल से मिला वह अद्भुत है।” उन्होंने अपने अन्य शिक्षक बसंत सर और विश्वेम्बर बाबू को भी याद किया। एक समारोह में उन्होंन अपने शिक्षकों को सम्मानित किया। इसके अलावा उन्होंने उपरबेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय के लगभग 200 छात्रों को चॉकलेट और टिफिन बॉक्स वाला स्कूल बैग उपहार में दिया।
छात्रों को ईमानदारी से पढ़ाई करने की सलाह दी
राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को ईमानदार से पढ़ने और अपने शिक्षकों के आदेशों का पालन करने की सलाह दी। उनके आगमन पर पूरे गांव को सजाया गया। ओडिशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री गणेश रामसिंह खुंटिया ने गांव को सजाने में गांववालों की मदद की। उनके स्वागत में न केवल गांव को सजाया गया, बल्कि पारंपरिक डांस भी किया गया। राष्ट्रपति के स्वागत में गांववालों ने सड़क पर रंगोली भी बनाई। राष्ट्रपति मुर्मू की सुरक्षा में उपरबेड़ा और रायरंगपुर क्षेत्र में पुलिस बल के 40 प्लाटून तैनात किए गए। गांव में अपने कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने छात्रों से मुलाकात की।