‘आर्थिक संकट के बावजूद विकास की उम्मीद’, श्रीलंकाई संसद के सत्र में बोले राष्ट्रपति विक्रमसिंघे
नकदी संकट से जूझ रही श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के संकेत राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने दिए हैं। बुधवार को राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि पिछली साल नकारात्मक वृद्धि के बावजूद देश ने 2023 की तीसरी तिमाही में 1.6 प्रतिशत की विकास दर के साथ वापसी की है। गौरतलब है कि 1977 के बाद पहली बार 2023 के अंत तक अधिशेष भी हासिल किया है। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे श्रीलंकाई संसद के पांचवें सत्र के पहले दिन सरकारी नीतियों पर भाषण दे रहे थे।
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार- विक्रमसिंघे
संसद में अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि 2022 में 7.8 फीसदी जीडीपी संकुचन और लगातार छह तिमाहियों से नकारात्मक वृद्धि के बावजूद देश ने 2023 की तीसरी तिमाही में देश ने वापसी की है। इसके साथ ही विक्रमसिंघे ने आगे देश के आर्थिक परिदृश्य में एक जरूरी बदलाव की घोषणा भी की है। उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए यह घोषणा की है कि सरकार को उम्मीद है कि आर्थिक सुधारों को लागू करना जारी रखकर देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करते हुए लोगों पर कर का बोझ कम किया जाएगा। राष्ट्रपति ने पांचवें सत्र के उद्घाटन को एक औपचारिक समारोह के रूप में आयोजित करने का निर्देश दिया था।
भारत के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करने पर जोर
इससे पूर्व जनवरी माह में अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका और भारत के जमीन संपर्क को बेहद अहम करार दिया है। उन्होंने युद्धग्रस्त क्षेत्र के विकास पर चर्चा के लिए जाफना का दौरा किया था। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूर्वोत्तर मन्नार और दक्षिण भारत के बीच पुल बनाने के विचार पर चर्चा की है। विक्रमसिंघे ने कहा, दिवालिया हो चुकी श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था को दोबारा मजबूत बनाने के लिए वह ऐसे फैसले लेने को भी तैयार हैं, जो जनता की नजर में अलोकप्रिय हो सकते हैं। उन्होंने उत्तरी क्षेत्र जाफना की अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जोड़ने के तरीकों पर काम करने का वादा भी किया था।