अक्टूबर 2023 में राहु-केतु बदलेंगे राशि, बचना चाहते हैं इनके बुरे प्रभाव से तो करें ये उपाय
उज्जैन. राहु-केतु, ये दो ऐसे ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में क्रूर और रहस्यमयी ग्रह भी कहा जाता है। ये ग्रह अगर किसी की जन्म कुंडली में अशुभ स्थान पर हो तो उसका पूरा जीवन खराब कर देते हैं और अगर शुभ स्थान पर हो तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवन बहुत ऊंचे पद पर जाता है।
राहु-केतु से जुड़ी कईं मान्यताएं भी हमारे समाज में प्रचलित हैं। आगे जानिए राहु-केतु से जुड़ी खास बातें…
अक्टूबर 2023 में राशि बदलेंगे ये ग्रह (Rahu Ketu Rashi Parivartan October 2023)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित समय के बाद राशि बदलता है। राहु-केतु एक राशि में 18 महीने तक रहते हैं। खास बात ये है कि ये दोनों ग्रह कभी सीधी चाल नहीं चलते बल्कि हमेशा ही वक्री अवस्था में रहते हैं। वर्तमान में राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में स्थित है। 30 अक्टूबर को ये दोनों ग्रह एक साथ राशि परिवर्तन करेंगे। राहु मेष से निकलकर मीन और केतु तुला से निकलकर कन्या में प्रवेश करेगा। राहु-केतु के राशि बदलते ही कुछ राशि वालों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। आगे जानिए राहु-केतु के उपाय…
राहु के उपाय (Rahu Ke Upay)
अगर किसी की कुंडली में राहु अशुभ स्थान पर हो तो उसके जीवन में अनेक परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। इन परेशानियों से बचने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं…
1. राहु की शांति के लिए प्रत्येक शनिवार को पीपल की पूजा करें। पीपल पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे आपकी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
2. प्रत्येक सोमवार को पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। ऐसा करते समय ऊं रां राहवे नम: मंत्र का जाप करें।
3. राहु से संबंधित शुभ फल पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
4. राहु से परेशान हैं तो नीले या काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
5. राहु की शांति के लिए शनिवार को काले तिल से बनी चीजें खाएं।
केतु के उपाय (Ketu Ke Upay)
कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो जाता है और मानसिक रूप से बीमार भी। केतु के अशुभ फल से बचने के लिए कुछ आसान उपाय इस प्रकार हैं…
1. केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को व्रत रखें और केतु के मंत्रों का जाप विधि-विधान से करें।
2. हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भैरव मंदिर में केले के पत्ते पर चावल का भोग लगाएं। शाम को सरसों के तेल का दीपक भी लगाएं।
3. रोज शाम को तुलसी के पौधे के समाने दीपक लगाने से भी केतु दोष के प्रभाव में कमी आती है।
4. राहु से शुभ फल पाने के लिए हमेशा अपने पास हरे रंग का रूमाल रखें। इससे भी केतु दोष के कुप्रभाव में कमी आती है।
5. रोज एक कटोरी पके हुए चावल लेकर उस पर मीठा दही व काले तिल डालकर पीपल के नीचे रखें।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।