कंगना पर राहुल का पलटवार, कहा- सरकार की नीति कौन तय कर रहा, एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी?
नई दिल्ली : भाजपा सांसद कंगना रनौत पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने करारा हमला बोला है। कंगना के वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों की वापसी की वकालत करने वाले बयान पर राहुल ने कहा कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा। हमारा गठबंधन ‘INDIA’ हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा। अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो प्रधानमंत्री को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।
इससे पहले कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा सांसद कंगना रनौत की तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा पर हमला तेज कर दिया। पार्टी ने मांग की कि अगर सत्तारूढ़ पार्टी उनकी टिप्पणियों से सहमत नहीं है तो अभिनेत्री-राजनेता को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी भाजपा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सहित चुनावी राज्य सत्तारूढ़ पार्टी को करारा जवाब देंगे।
कंगना ने क्या कहा था?
दरअसल, वीडियो में कंगना को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि किसानों के वह कानून, जो अब वापस ले लिए गए हैं, मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है, लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। तीन कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे। जैसे बाकी जगहों के किसान समृद्ध हो रहे हैं, हमारे किसानों को समृद्ध होना चाहिए। कुछ राज्यों में किसान समूहों के विरोध के कारण सरकार ने इन्हें वापस ले लिया था। किसान देश के विकास में स्तंभ हैं। मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस मांगें।
भाजपा ने पल्ला झाड़ा
हालांकि, मामला तूल पकड़ने पर भारतीय जनता पार्टी ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भाजपा सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है। कंगना रनौत भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। यह कृषि बिलों पर भाजपा के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है। हम इस बयान को अस्वीकार करते हैं।’