एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में गूगल को राहत, सीसीआई के आदेश के खिलाफ याचिका सूचीबद्ध
गूगल ने गुरुवार सुप्रीम कोर्ट में बताया कि एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों से संबंधित मामले में दलीलें सुनने में पांच-छह दिन लग सकते हैं।
पिछले साल 29 मार्च को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने इस मामले में गूगल की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर मिश्रित फैसला सुनाया था। फैसले में 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा गया था, लेकिन प्ले स्टोर पर तीसरे पक्ष के एप स्टोर की मेजबानी की अनुमति जैसी शर्तों को हटा दिया गया था।
शीर्ष अदालत गूगल और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की ओर से दायर की गई दलीलों पर विचार कर रही है। याचिका में एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मामले में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों से संबंधित एक मामले में अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पहले ही इन याचिकाओं को गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। दिन की कार्यवाही की शुरूआत में, प्रौद्योगिकी दिग्गज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने याचिका का उल्लेख किया और कहा कि मामले की सुनवाई में पांच-छह दिन लग सकते हैं।
सीजेआई ने कहा, “यह (याचिका) बोर्ड (कार्यसूची) में अपनी स्थिति बनाए रखेगी। देखते हैं चीजें आगे बढ़ती हैं…इस मामले को शुरू होने दीजिए। हम देखेंगे।” इससे पहले जुलाई में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वह इस मामले में गूगल और सीसीआई की दलीलों पर सितंबर के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगा।
पीठ ने मामले के आसान निर्णय के लिए दोनों पक्षों के वकीलों की मदद से आम डिजिटल याचिका तैयार करने के लिए वकील समीर बंसल को नोडल वकील नियुक्त किया था। एनसीएलएटी ने अपने फैसले में एंड्रॉयड में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने के लिए सीसीआई द्वारा प्रौद्योगिकी दिग्गज पर लगाए गए जुर्माने को बरकरार रखा था।