संस्थान बंद करने पर विधानसभा में हंगामा, नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर गए विपक्षी सदस्य

तपोवन: हिमाचल प्रदेश में बीते दो वर्ष में में संस्थान डिनोटिफाई करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर के बीच शनिवार को विधानसभा सदन में खूब नोकझोंक हुई। सीएम के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता अनुसार संस्थान खोले जा रहे हैं। विभागों का युक्तिकरण किया जाएगा।

कांग्रेस सरकार आउटसोर्स की भर्तियों को भी कम करेगी। इसकी जगह नियमित रोजगार पर जोर दिया जा रहा है। पूर्व सरकार ने चुनावी लाभ के लिए अप्रैल 2022 के बाद बिना बजट प्रावधान के सैकड़ों संस्थान खोल दिए। इस कारण ही आज शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का स्थान देश में 21वें नंबर पर पहुंच गया है। उधर, विपक्ष ने सिर्फ नादौन, देहरा और हरोली में संस्थान खोलने को प्राथमिकता देने का सरकार पर आरोप लगाया। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम तो 1200 संस्थान ही बंद हुए मानते थे। सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध से आंकड़ा 1865 तक पहुंचा दिया।

भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की ओर से उठाए इस सवाल पर करीब 50 मिनट तक चर्चा हुई। प्रश्नकाल की एक घंटे की अवधि समाप्त होने के चलते अन्य सवालों के लिए समय नहीं बचा। रणधीर ने कहा कि बंद किए गए कई संस्थान जनता से सीधे जुड़े हैं। इन संस्थानों को जल्द खोला जाए। मुख्यमंत्री दो सालों से एक ही भाषण दे रहे हैं कि भाजपा ने चुनावों से पहले संस्थान खोले। सच्चाई यह है कि विधानसभा के उपचुनावों और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने भी बंद किए गए गई संस्थान खोले। कांग्रेस सरकार की नीति दोहरी है। विधायक हंसराज ने कहा कि पांगी और तीसा में कई परेशानियां हैं। चुराह में बीते दो वर्ष से विकास कार्य ठप पड़े हैं। हमारे क्षेत्रों में भी आवश्यकता के अनुसार संस्थान खोले जाएं।

Related Articles

Back to top button