इस्लामाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस बने सरफराज डोगर, न्यायाधीशों और विपक्ष ने किया विरोध
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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शुक्रवार को सरफराज डोगर को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। राष्ट्रपति के इस कदम से अन्य न्यायाधीश और विपक्षी दलों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इसका विरोध किया।
डोगर को लेकर क्यों हो रहा विरोध?
बता दें कि सरफराज डोगर को लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में स्थानांतरित किया गया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए। न्यायाधीशों, वकीलों और विपक्षी दलों ने इस फैसले की आलोचना की क्योंकि डोगर न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में 13वें स्थान पर थे, लेकिन आईएचसी में वह दूसरे स्थान पर पहुंच गए।
पांच न्यायाधीशों ने डोगर के पदन्नोति का किया विरोध
आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति मिलने के बाद यह संभावना थी कि वह मुख्य न्यायाधीश के पद पर पहुंच सकते थे, लेकिन डोगर को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद, आईएचसी के पांच अन्य न्यायाधीशों ने डोगर की वरिष्ठता को चुनौती देते हुए उनकी पदोन्नति का विरोध किया। इस बीच, न्यायमूर्ति आमिर फारूक को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति मिल गई है, और उन्होंने इस्लामाबाद में एक अलग समारोह में कार्यभार संभाला।