स्तन कैंसर को फैलाने और रोकने वाले प्रोटीन की खोज, वैज्ञानिकों ने कही यह बात
स्तन कैंसर में मेटास्टेसिस (कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने की प्रक्रिया) रोकने या शुरू करने वाले प्रोटीन ईएनपीपी1 की अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खोज की है। उनका दावा है कि इस खोज से स्तन कैंसर व अन्य कई कैंसर से पीड़ित लोगों को नई व ज्यादा प्रभावशाली इम्यूनोथेरेपी देने में मदद मिलेगी।
चिकित्सकों को भी यह जानने में मदद मिलेगी कि पीड़ितों को दी जा रही दवा व इलाज कैसा काम कर रहे हैं। ईएनपीपी1 प्रोटीन की पहचान स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बायोकेमिस्ट्री की एसोसिएट प्रोफेसर व आर्क इंस्टीट्यूट की अध्ययनकर्ता लिंगयिन ली की टीम ने की। उन्हें इससे इम्यूनोथेरेपी और मेटास्टेसिस रोकने में मदद मिली। उनका अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस में प्रकाशित हुआ है। ली ने बताया, कैंसर कोशिकाएं और स्वस्थ कोशिकाएं ट्यूमर के आसपास ईएनपीपी1 प्रोटीन बनाती हैं। जिस मरीज में यह प्रोटीन ज्यादा होता है, उसमें इम्यूनोथेरेपी प्रभावी नहीं रहती, मेटास्टेसिस भी हो सकता है। ली ने दावा किया कि उनका अध्ययन कैंसर मरीजों के लिए बड़ी उम्मीदें पैदा करता है।
कई बार उपचार विफल
कैंसर के इलाज में इम्यूनोथेरेपी से फायदा मिलने के कई दावे किए जाते हैं, लेकिन यह कई तरह के कैंसर को ठीक करने में विफल रहती है। विफल हुए 80 फीसदी से ज्यादा मामले स्तन कैंसर की एडवांस स्टेज के होते हैं। कई पीड़ित, जिन्हें फायदा होता भी है, वे भी मेटास्टेसिस की चपेट में आ जाते हैं। वहीं, इम्यूनोथेरेपी के लिए पेंब्रोलाइजुमैब एंटीबॉडी दी जाती है।
कोल्ड ट्यूमर बाधा
कैंसर कोशिका को खत्म करने के लिए टी सेल (शरीर की प्रतिरक्षा करने वाली एक तरह की श्वेत रक्त कोशिकाएं) का कैंसर ट्यूमर में घुसना जरूरी होता है। वे हॉट ट्यूमर तो घुस सकते हैं, लेकिन स्तन कैंसर में हॉट ट्यूमर नहीं होते। इनमें कोल्ड ट्यूमर होते हैं। इनमें टी सेल नहीं घुस पाते।
समाधान निकालने की कोशिश की तो मिला प्रोटीन
ली ने कोल्ड ट्यूमर को हॉट ट्यूमर में बदलने के लिए एक अणु सीजीएएमपी से अपना काम शुरू किया। कैंसर कोशिकाएं मरीज डीएनए को भी क्षतिग्रस्त करती हैं। इस क्षतिग्रस्त डीएनए से सीजीएएमपी अणु पैदा होता है। यह अणु हमारी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करता है। इसी प्रक्रिया में कैंसर ट्यूमर हॉट ट्यूमर में बदलता है और टी सेल उसे खत्म करने में जुट जाते हैं। ली ने पाया कि ईएनपीपी1 नाम का प्रोटीन सीजीएएमपी को ही खत्म कर रहा है। वह प्रतिरोधक क्षमता सक्रिय नहीं कर पा रहा।