असम में सेमीकंडक्टर का निर्माण राज्य को वैश्विक मानचित्र पर उभरेगा, बोले रतन टाटा
असम में समीकंडक्टर निर्माण की सुविधा स्थापित करने पर टाटा समूह के दिग्गज रतन टाटा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि असम में सेमीकंडक्टर का निर्माण राज्य को वैश्विक मानचित्र उभरेगा। टाटा समूह ने असम के जागीरोड में सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। रतन टाटा टाटा संस के आजीवन मानद चेयरमैन हैं।
रतन टाटा ने एक्स पर उनके, हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन की तस्वीरें संलग्न करते हुए पोस्ट किया, “असम में किए जा रहे निवेश ने कैंसर पीड़ितो के जटिल उपचार और देखभाल के लिए राज्य को सक्षम बनाया है। आज, टाटा समूह के साथ साझेदारी में असम की सरकार राज्य को सेमीकंडक्टर के में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाएगी।”
टाटा ने असम सरकार के सहयोग से पहले ही राज्य भर में कई कैंसर केयर अस्पताल स्थापित किए हैं। रतन टाटा ने कहा, “यह नया घटनाक्रम असम को वैश्विक मानचित्र पर उभरेगा। हम असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को उनके समर्थन और दृष्टि के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं जिनके कारण यह सब संभव हो पाया।”
देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद
इससे पहले मंगलवार को, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वासन दिया था कि देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगी और यह पहली मेड इन इंडिया चिप होगी। उन्होंने कहा था कि हमने सेमीकंडक्टर निर्माण का पहला प्रयास 1962 में ही किया था, लेकिन जब तक आपके पास सही नीति और सही दृढ़ विश्वास नहीं होगा, यह संभव नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी को विश्वास है कि विकासशील भारत के लिए हमें इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की आवश्यकता है। टीवी से लेकर पावर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, हर चीज में हमें सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है।
13 मार्च को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली तीन सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट्स की आधारशिला रखी थी। इनमें से दो प्लांट गुजरात में जबकि एक प्लांट असम में तैयार हो रहा है। टाटा समूह इन तीन संयंत्रों में से दो की स्थापना कर रहा। दोनों राज्यों में एक-एक संयंत्र स्थापित करने में टाटा समूह अपना योगदान देगा।
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी एक शुरुआती अवस्था में
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी एक शुरुआती अवस्था में है। विभिन्न स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसकी विशाल क्षमता का दोहन करने का इरादा रखती हैं। टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (“TSAT”) के नाम से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। प्रतिदिन 48 मिलियन चिप्स उत्पादन की क्षमता वाली इस सुविधा का निर्माण 27,000 करोड़ रुपये से की लागत से किया जा रहा है।