नौ दिन से गायब थी, अब नाले में मरी मिली मासूम; परिजनों ने पहले ही जताई थी आशंका
दरभंगा के विश्विद्यालय थाना क्षेत्र के बालूघाट मोहल्ले ने नौ दिनों पहले गायब हुई एक वर्ष की नवजात बच्ची का घर के सामने स्थित नाले से बरामद हुआ है। नाले से शव बरामद होते ही इलाके में सनसनी फैल गई देखते ही देखते पूरे मोहल्ले के लोग जमा हो गए। बता दें कि इस बच्ची के गायब होने की सूचना पिता चंदन यादव ने विश्विद्यालय थाना में आवेदन देकर मधुबनी जिला के झंझारपुर के रहनेवाले कपिलदेव प्रसाद और मोहल्ले निवासी अनिता देवी शक जताते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। शव मिलने के बाद परिजनों ने थाना की पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मौके पर पहुंची विश्विद्यालय थाना की पुलिस ने शव को जब्त करते हुए पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया है।
परिजन बोले- नौ दिनों में कोई कार्रवाई नहीं कर पाई पुलिस
मामले बच्ची के पिता चंदन यादव ने बताया कि पुलिस को हमने बच्ची के गायब होने की सूचना देते हुए दो लोगों पर संदेह जताया था। लेकिन, पुलिस ने इस मामले में पिछले नौ दिनों में कोई कार्रवाई नहीं की है। अगर कार्रवाई की होती तो मेरी बेटी की जान नहीं जाती। उन्होंने जिस नाले से बच्ची का शव बरामद हुआ। वह उनके घर के सामने है और नाला प्रतिदिन नगर निगम के सफाई कर्मियों द्वारा साफ किया जाता है। पिछले आठ दिनों में शव नहीं मिला और सुबह जब नाले की सफाई की जा रही तो सफाईकर्मियों को बच्ची के शव पर नजर पड़ी। शव को देखने से लगता है। बच्ची की कही अन्यत्र हत्या कर शव को मेरे घर के सामने नाले में फेंक दिया गया है।
गलत संबंध होने का आरोप लगा पिटाई कर दी
विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष मदन प्रसाद ने बताया कि कपिल शर्मा अपने ससुराल थाना क्षेत्र के शुभंकरपुर है जहां वह अनिता शर्मा से मिलने आया करता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अनिता शर्मा के पति के साथ कारोबार के सम्बंध बातचीत हुआ करता था। इस दौरान चंदन यादव ने अनिता शर्मा का कपिल प्रसाद का कुछ गलत सम्बन्ध होने का संदेह होने के कारण उसकी पिटाई कर दी थी। इसी आधार पर उसने अनिता शर्मा और कपिल प्रसाद पर बच्ची की हत्या कर शव को फेंकने का आरोप लगाया है।
आरोपी का मोबाइल लोकेशन खंगाल रही पुलिस
सिटी एसपी सागर कुमार ने कहा है की एक जनवरी से गायब हुई बच्ची का शव नाले से बरामद होने के मामले में दोनो आरोपी के मोबाइल लोकेशन की जांच की जा रही है। साथ इस मामले में तकनीकी अनुसंधान के लिए थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है। जांच में आरोप सही पाया गया तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवायी की जाएगी।