‘शिंदे को उपमुख्यमंत्री फडणवीस की नहीं सुननी चाहिए’, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जरांगे की CM को सलाह

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सुझाव दिया है कि वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात न सुनें। साथ ही कहा है कि उन्हें यह बताना चाहिए कि कुनबी मराठाओं के सगे संबंधियों पर अधिसूचना क्यों लागू नहीं की जा रही है। बता दें, जरांगे की यह टिप्पणी रविवार देर रात तब आई, जब मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कार्यकर्ता को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।

फडणवीस पर हत्या का आरोप
जरांगे ने रविवार को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में आरोप लगाया कि फडणवीस ने उनकी हत्या करने की कोशिश की थी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और उप मुख्यमंत्री के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें ‘सेलाइन’ के जरिए जहर देने की कोशिश की गई थी, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।

उपमुख्यमंत्री की भाषा नहीं बोलनी चाहिए
मुख्यमंत्री की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, ‘मैंने इन्हें सुना नहीं है, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि (मराठाओं के) रिश्तेदारों के आरक्षण की अधिसूचना क्यों लागू नहीं की गई। मैं उनका बहुत सम्मान करता था। उन्हें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बात नहीं सुननी चाहिए और उनकी (फडणवीस की) भाषा नहीं बोलनी चाहिए।’

मराठा समुदाय से बड़ा कोई नहीं
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने पूछा, ‘यह उनकी (शिंदे की) जिम्मेदारी थी कि वे (मराठाओं के) रिश्तेदारों के लिए अधिसूचना लागू करें और कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राजपत्र (निज़ाम राज्य, सतारा के) को सबूत के रूप में लेने पर विचार करें। प्रमाणपत्रों का वितरण रोक दिया गया है। हमारी तरफ से कौन सी मांग अतिरिक्त थी?’

मैं अब भी शिंदे का सम्मान करता हूंं
मुख्यमंत्री शिंदे ने रविवार को कहा कि जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें उसके धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्हें कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए।

Related Articles

Back to top button