चिन्मय दास को झटका, बांग्लादेश की अदालत ने फिर किया जमानत से इनकार; वकील बोले- हाईकोर्ट जाएंगे
ढाका: हिंदू पुजारी और पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास को एक और झटका लगा है। बांग्लादेश के चट्टोग्राम की एक अदालत ने गुरुवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें, उन पर आरोप है कि उन्होंने बांग्लादेश का अपमान करते हुए राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था। इस मामले में उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं।दास की ओर से 11 वकीलों का एक समूह जमानत याचिका लेकर अदालत में उपस्थित हुआ, जबकि दास वर्चुअली सुनवाई में शामिल हुए।
चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद से बवाल
बता दें, दास को देशद्रोह के एक मामले में 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। वह पहले इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशियसनेस (इस्कॉन) से जुड़े थे। बांग्लादेश समिलित सनातनी जागरण जोते संगठन के प्रवक्ता दास की जमानत 26 नवंबर को चट्टोग्राम के 6वें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शारिफुल इस्लाम ने राजद्रोह के मामले में खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।
सरकार ने किया विरोध
चट्टोग्राम जिला बार संघ के अध्यक्ष नाजिम उद्दीन चौधरी ने कहा, ‘सरकार ने जमानत देने का विरोध किया। उसका कहना कि दास पर राजद्रोह का मामला है। इस मामले में उम्रभर की जेल की सजा होती है।’