‘क्या US के किसानों की मदद की जानी चाहिए?’- प्रियंका ने की अमेरिकी सेब पर शुल्क कटौती की निंदा
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को अमेरिका से आयात होने वाले सेब पर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) घटाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी सेब को आयात करना आसान हो जाएगा और यह कदम ऐसे समय में आया है जब भारत के सेब उत्पादक समस्याओं का सामना कर रहे हैं.
प्रियंका गांधी हिमाचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं, उन्होंने कहा कि यहां बड़ा नुकसान हुआ है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्य में किसान खरीद से संबंधित उद्योगपतियों के फैसलों से पीड़ित थे और अमेरिका से आने वाले सेब पर टैरिफ कटौती के केंद्र सरकार के कदम से इन किसानों पर बुरा असर पड़ेगा.
उन्होंने पूछा, “यह फैसला (अमेरिकी सेब) के आयात को आसान बनाएगा और वे इसे आसानी से बेच पाएंगे. शिमला में बड़े उद्योगपतियों ने सेब की खरीद की कीमतें कम कर दी हैं. जब यहां के सेब उत्पादक परेशानी झेल रहे हैं, तो किसकी मदद की जानी चाहिए?, इनकी या अमेरिका के किसानों की?”
कांग्रेस नेता ने कहा, लोकल किसानों की मदद की जानी चाहिए और उन्हें उनके उत्पाद का उचित दाम मिलना चाहिए.
वह अमेरिका से आयातित सेब पर सीमा शुल्क में 20 प्रतिशत की कटौती के केंद्र के फैसले के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं.
जून में, अमेरिका और भारत विश्व व्यापार संगठन में छह लंबित विवादों को खत्म करने पर सहमत हुए थे. संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि के एक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि, इसके अलावा, भारत चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डायग्नोस्टिक रिजेंट्स (ऐसे केमिकल्स जिनके जरिए रोगों का पता लगाया जाता है) समेत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर सहमत हुआ था.
कुछ स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के अमेरिकी कदम के जवाब में 2019 में अमेरिकी सेब पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत शुल्क लगाया गया था. सेब पर मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) शुल्क में कोई कटौती नहीं की गई है, जो अभी भी अमेरिका समेत सभी जगह से आयातित सेब पर 50 प्रतिशत लागू है.
पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं ने भी संयुक्त राज्य अमेरिका से आयातित सेब पर शुल्क कम करने के केंद्र के कदम की आलोचना की है.
हिमाचल प्रदेश में बारिश से आई बाढ़ के प्रभाव के बारे में बोलते हुए, प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से पहाड़ी राज्य की स्थिति को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वह कर रही है जो वह कर सकती है और आपदा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “स्थिति बहुत दर्दनाक है. बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है… लोग पीड़ित हैं… हम अनुरोध कर रहे हैं कि अगर केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है, तो यह उनके (स्थानीय लोगों) लिए फायदेमंद होगा. राज्य सरकार वह सब कुछ कर रही है जो वह कर सकती है…लेकिन कुछ चीजें केवल केंद्र सरकार की मदद से ही की जा सकती हैं. मुझे यकीन है कि वे मदद करेंगे…मुझे नहीं लगता कि कोई भी ऐसी आपदा का राजनीतिकरण करना चाहता है…”