दिल्ली की जहरीली हवा में मामूली सुधार, जानिए दशहरा के बाद कितना रहा एक्यूआई
दिवाली से पहले दशहरा का त्यौहार पर लोग जमकर खुशियां मनाते हैं। हर तरफ खूब रावण जलाए जाते हैं, आतिशबाजी की जाती है। इस बीच दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों को प्रदूषण का डर सताने लगता है। लेकिन इस दशहरा रावण जलाने और पटाखे फोड़ने के बाद भी दिल्ली की एयर क्वालिटी पर कुछ खास असर दिखाई नहीं दिया।
मंगलवार के मुकाबले बुधवार सुबह दिल्ली की एयर क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है। सफर इंडिया के मुताबिक दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 190 है, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है। मंगलवार सुबह को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 303 दर्ज किया गया था। वहीं, नोएडा में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 पर है, जो ‘खराब’ श्रेणी में है।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, गाजियाबाद के इंदिरापुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 158 दर्ज किया गया। वहीं, गुरुग्राम सेक्टर 51 में एक्यूआई 268 दर्ज किया गया है। फरीदाबाद सेक्टर 11 में एक्यूआई 320 दर्ज किया गया है।
सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 263 दर्ज हुआ। जोकि खराब श्रेणी में रहा। वहीं, रविवार के मुकाबले 50 सूचकांक में कमी आई थी। तीन इलाके में हवा बेहद खराब और 27 में खराब श्रेणी में रही। साथ ही, एनसीआर में ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सर्वाधिक रहा, जबकि गुरुग्राम का सबसे कम दर्ज किया गया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हम अपने डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं, इससे पता चलता है कि दिल्ली में पीएम 10- धूल प्रदूषण – कम हो रहा है। पूरी दिल्ली में धूल विरोधी अभियान चलाया गया है और सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसलिए, पीएम 10 कम हो रहा है लेकिन पीएम 2.5 बढ़ रहा है। वाहनों से होने वाला प्रदूषण और बाहर बायोमास जलाने से होने वाला प्रदूषण इसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने तैयारियों के संबंध में दिल्ली सचिवालय में एक बैठक बुलाई है। जन जागरूकता अभियान – ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ जो 26 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि तुलनात्मक रूप से, इस बार दशहरा के दौरान कम संख्या में पटाखे फोड़े गए। मैं एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में राज्यों से (पटाखों पर) प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करना चाहूंगा क्योंकि इससे अपने राज्यों में लोगों के लिए यह आसानी से उपलब्ध है। मुझे लगता है कि अगर एनसीआर राज्य भी इस पर प्रतिबंध लगाते हैं, तो इसका दिल्ली पर बेहतर प्रभाव पड़ेगा।