पुराने समीकरण पर ही सपा लगा सकती है दांव, बसपा ने किया खेला तो कई का बिगड़ेगा समीकरण

श्रावस्ती लोकसभा सीट पर सपा पुराने समीकरण पर ही दांव लगा सकती है। यहां से विगत चुनाव में बसपा ने सपा के साथ मिलकर जीत दर्ज की थी। ऐसे में इस बार सपा हर कदम बड़े संतुलन से आगे बढ़ा रही है। इस बीच यदि बसपा ने खेला किया तो कई दिग्गजों का समीकरण बिगड़ सकता है। यही कारण है कि सभी की नजर हाथी पर ही टिक गई है।

वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद जिले की दो व बलरामपुर की तीन विधानसभा क्षेत्रों को शामिल कर वजूद में आई श्रावस्ती लोकसभा के लिए यह चौथा आम चुनाव है। यहां से सबसे पहले 2009 में कांग्रेस के डॉ. विनय कुमार पांडेय ने जीत का स्वाद चखा, जिन्हें 2014 के मोदी लहर में भाजपा के दद्दन मिश्र ने करारी शिकस्त दी। तब इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. विनय कुमार पांडेय 20,006 मत के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गए।

सपा प्रत्याशी रहे बाहुबली अतीक अहमद 26,0051 मत पाकर दूसरे व बसपा के लालजी वर्मा 1,94,890 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। तब सपा के साथ पीईसीपी के रिजवान जहीर ने खेला कर दिया था। रिजवान को तब 1,01,817 मत मिले थे। वहीं 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी रहे राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा के दद्दन मिश्र को 5320 मतों से हराया था। इसमें सपा-बसपा के परंपरागत वोट के साथ ही कुर्मी, यादव व मुस्लिम वोटों का गुणा गणित भी था। ऐसे में इसी समीकरण के सहारे सपा अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने की जुगत में है।

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