उत्तराखंड में अचानक मौसम ने ली करवटी, तपती गर्मी से लोगो को मिली राहत
उत्तराखंड देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, अल्मोड़ा आदि जिलों में मंगलवार दोपहर को अचानक मौसम ने करवटी ली। तपती गर्मी से लोगो को राहत तो मिली। लेकिन, साथ ही आमजन की मुसीबतें भी बढ़ गईं। जलभराव से लेकर बिजली कटौती और फिर पानी सप्लाई बाधित होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
टिहरी की कोटी कालोनी झील में दोपहर बाद आये तुफान के कारण कई बोटें पलटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिससे वोट संचालकों को खासा नुकसान पहुंचा है। बोट संचालकों ने प्रशासन से तुफान के कारण बोट संचालकों को हुये नुकसान का आंकलन क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।
लाकडाउन के बाद बोट संचालकों का कारोबार टिहरी झील में बमुश्किल ढर्रे पर लौट रहा था, कि मंगलवार दोहपर बाद आये तुफान के कारण झील में खड़ी बोटें बुरी तरह से उलट-पलट होने लगी। तुफान ने ऐसा कहर बरपाया कि जेटी के साथ खड़ी बोटें भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं।
बोट संचालक तुफान से हुये नुकसान से भारी सकते में आ गये हैं। बोट यूनियन के कुलदीप पंवार का कहना है कि झील में सौ से अधिक बोटों में से आधी से अधिक बोटें बुरी तरह से तुफान के कारण बर्बाद हो गई हैं। तुफान के कारण बोटें क्षतिग्रस्त होने से प्रभावित बोट संचालकों में प्रशांत रावत, प्रदीप भंडारी, कुलदीप पंवार, मनोज रावत, गंभीर नेगी, अनुज पंवार, बीरेंद्र नेगी आदि का कहना है कि झील में आये तुफान के कारण उनकी बोटों को भारी नुकसान पहुंचा है।
टाडा व स्थानीय प्रशासन से मांग की गई है कि तुफान के कारण बोटों को हुये नुकसान का आंकलन कर क्षतिपूर्ति की जाय। तुफान से प्रभावित बोट संचालकों का कहना है कि इस तुफान से उनके लाक डाउन के बाद ढर्रे पर आये कारोबार को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट का कहना है कि प्रदेश सरकार बोट संचालकों को हुये तुफाने से हुये नुकसार की भरपाई करें। बोट संचालकों को राहत की जरूरत है।