सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा, मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की याचिका पर तत्काल करें सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि वह मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की याचिका को तुरंत सूचीबद्ध कर सुनवाई करें। बता दें कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश सरकार के जमीन संबंधी फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बता दें कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का संचालन करने वाली ट्रस्ट के अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान हैं।
तमिलनाडु सरकार की राज्यपाल के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी है कि राज्यपाल खुद इस मामले पर विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ बैठकर लंबित विधेयकों वाले इस मसले को सुलझाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के पास तीन विकल्प हैं या तो वह लंबित विधेयकों को अपनी मंजूरी दें। या फिर विधेयकों को मंजूरी ना दें या विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजें। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को स्थगित कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक करने के केंद्र सरकार के फैसले से पंजाब पुलिस की शक्तियों पर अतिक्रमण नहीं हुआ है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि, ‘दोनों पक्ष आपस में विचार-विमर्श कर लें ताकि अगली तारीख से पहले इन्हें निपटाया जा सके।’ बता दें कि केंद्र सरकार का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा। वहीं पंजाब सरकार की तरफ से वकील शादान फरासात सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में शामिल हुए। पीठ ने कहा कि ऐसे समवर्ती अधिकार हैं, जिनका इस्तेमाल बीएसएफ और राज्य पुलिस दोनों कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं लिया गया है। पीठ ने कहा कि बीएसएफ को ऐसे अधिकार सभी सीमावर्ती राज्यों में हासिल हैं।