गोरापन पाने के लिए लेते हैं ग्लूटाथिओन इंजेक्शन? हो सकते हैं ये बड़े साइड इफेक्ट
चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लोग न जाने क्या-क्या जतन करते हैं, लेकिन यह एक नेचुरल प्रक्रिया है कि उम्र बढ़ने के साथ ही त्वचा पर भी असर दिखे लगता है. जिसमें चेहरे पर झुर्रियां आना एक मुख्य साइन है.
हालांकि कई बार अन्य वजहों से उम्र से पहले भी त्वचा ढीली पड़ने लगती है जो किसी के लिए भी स्ट्रेस की बात होती है. लोग चेहरे को जवां बनाए रखने और रंगत निखारने के लिए घरेलु नुस्खों को अपनाने से लेकर ट्रीटमेंट तक करवाते हैं. झुर्रियां हो या फिर त्वचा का गहरा रंग, इन सभी के लिए कॉस्मेटोलॉजी में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं. इन्हीं तरीकों में से एक है ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन लेना.
ग्लूटाथियोन के इस्तेमाल का चलन काफी बढ़ा है. इसे स्किन वाइटनिंग सप्लीमेंट के तौर पर अलग-अलग तरहों से यूज किया जाने लगा है. ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन लेने से आपकी त्वचा भले ही निखरी और जवां दिखने लगे, लेकिन इससे सेहत को कई मेजर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं.
क्या काम करता है ग्लूटाथियोन
ग्लूटाथियोन एक ऐसा नेचुरल सब्सटेंस है जो हमारे लीवर से नेचुरली प्रोड्यूस होता है. बॉडी में प्राकृतिक रूप से मौजूद ये एंटीऑक्सीडेंट बॉडी टिशूज का निर्माण और रिपेयरिंग करना, फ्री रेडिकल्स से बचाव, इम्यूनिटी मजबूत करना, कैंसर विरोधी एजेंट के रूप में काम करना, एंटी एजिंग, जैसे कई तरह के काम करता है.
ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में ग्लूटाथियोन का लेवल कम होने लगता है, जिसकी वजह से त्वचा पर भी इसका असर दिखने लगता है और कई बार लोग ग्लूटाथियोन की कमी को पूरा करने के लिए इसके इंजेक्शन भी लेने लगते हैं. जो आपकी त्वचा के रंग को निखारने और जवां बनाए रखने में हेल्पफुल होता है.
ग्लूटाथिओन के साइड इफेक्ट
अगर किसी केस में ग्लूटाथियोन की डोज जरूरत से ज्यादा दे दी जाती है तो पेशेंट को मेजर साइड इफेक्ट जैसे किडनी फेलियर ब्लड पॉइजनिंग हो सकती है. इसके अलावा इसकी कई अन्य साइड इफेक्ट जैसे मिचली, स्किन पर रैशेज, एलर्जी, डायरिया, बाल झड़ना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
डॉक्टर की लें सलाह
किसी भी कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं. इसी तरह से ग्लूटाथियोन के इंजेक्शन लेने के भी कई साइड इफेक्ट आपकी बॉडी पर पड़ सकते हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कब और कितनी डोज ले रहे हैं. इसके साइड इफेक्ट से बचने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेने के साथ ही किसी अनुभवी डॉक्टर से ही यह ट्रीटमेंट करवाना चाहिए.