सेंट्रल लाइब्रेरी में चार गुना हुई भीड़, 85 लोगों के हॉल में बैठ रहे 150; AC के चलते जमा हुए छात्र
वाराणसी: भीषण गर्मी के बीच छह लाख से अधिक पुस्तकों वाले बीएचयू के सयाजी राव गायकवाड़ सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं की संख्या अचानक बढ़ गई है। 750 की क्षमता वाले सेंट्रल लाइब्रेरी में सामान्य दिनों में जहां 1500 से 1600 छात्र-छात्राएं बैठते थे, वहीं इन दिनों चार गुना से भी अधिक विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इससे पानी की खपत चार गुना (करीब 24000 लीटर) और बिजली खर्च 25 फीसदी तक बढ़ गया है। स्थिति यह है कि लाइब्रेरी तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है। तेज धूप और उमस के बीच लंबी लाइन लग रही है। बताया जा रहा है कि एसी और ठंडे पानी के चक्कर में ज्यादा छात्र आ रहे हैं।
सेंट्रल लाइब्रेरी में शुक्रवार को 6000 छात्र-छात्राएं पहुंचे। सुबह छह बजे ही प्रवेश के लिए लंबी कतार लग गई। मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री गेट तक छात्र-छात्राओं का जमावड़ा रहा। वहां स्थान पाने और पहले अंदर पहुंचने की होड़ लगी रही। दरअसल, छात्र-छात्राओं के लिए छह वाटर कूलर लगे हैं। छात्र संख्या बढ़ने से उन पर प्रति छात्र चार से साढ़े चार लीटर के हिसाब से कुल लगभग 24000 लीटर पानी की खपत हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में यह 4000 से 4500 लीटर ही रहती है। इसी तरह गर्मी में एसी, कूलर और पंखे आदि का उपयोग बढ़ने से बिजली की
खपत भी लगभग 25 फीसदी बढ़ गई है।
उप पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि इस समय लाइब्रेरी पर छात्र-छात्राओं की संख्या का दबाव चार गुना से भी अधिक हो गया है। विद्यार्थियों को पढ़ने में कोई परेशानी न हो, इसलिए बिजली-पानी की सभी सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
4000 विद्यार्थी हुए वापस
क्षमता से चार गुना से भी अधिक विद्यार्थियों के प्रवेश के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी सीट के अभाव में वापस भी हो जाते हैं। शुक्रवार को लगभग चार हजार विद्यार्थी लाइब्रेरी से वापस लौट गए।
हॉस्टल खाली करा रहा विश्वविद्यालय, सता रही गर्मी
विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में कक्षाएं समाप्त होने के बाद छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं। इस दौरान हॉस्टलों की मरम्मत और रंग-रोगन का काम होता है। हॉस्टल से बाहर निकलने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प के रूप में दिखता है। इसलिए ज्यादातर छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए लाइब्रेरी को सबसे उपयुक्त स्थान के रूप में पाते हैं, जहां एसी में बैठकर वे दिनभर पढ़ाई करते है। यही वजह है कि मई-जून में ही लाइब्रेरी में संख्या ज्यादा बढ़ती है।भीषण गर्मी के बीच छह लाख से अधिक पुस्तकों वाले बीएचयू के सयाजी राव गायकवाड़ सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं की संख्या अचानक बढ़ गई है।
750 की क्षमता वाले सेंट्रल लाइब्रेरी में सामान्य दिनों में जहां 1500 से 1600 छात्र-छात्राएं बैठते थे, वहीं इन दिनों चार गुना से भी अधिक विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इससे पानी की खपत चार गुना (करीब 24000 लीटर) और बिजली खर्च 25 फीसदी तक बढ़ गया है। स्थिति यह है कि लाइब्रेरी तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है। तेज धूप और उमस के बीच लंबी लाइन लग रही है। बताया जा रहा है कि एसी और ठंडे पानी के चक्कर में ज्यादा छात्र आ रहे हैं।
सेंट्रल लाइब्रेरी में शुक्रवार को 6000 छात्र-छात्राएं पहुंचे। सुबह छह बजे ही प्रवेश के लिए लंबी कतार लग गई। मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री गेट तक छात्र-छात्राओं का जमावड़ा रहा। वहां स्थान पाने और पहले अंदर पहुंचने की होड़ लगी रही। दरअसल, छात्र-छात्राओं के लिए छह वाटर कूलर लगे हैं। छात्र संख्या बढ़ने से उन पर प्रति छात्र चार से साढ़े चार लीटर के हिसाब से कुल लगभग 24000 लीटर पानी की खपत हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में यह 4000 से 4500 लीटर ही रहती है। इसी तरह गर्मी में एसी, कूलर और पंखे आदि का उपयोग बढ़ने से बिजली की
खपत भी लगभग 25 फीसदी बढ़ गई है।
उप पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि इस समय लाइब्रेरी पर छात्र-छात्राओं की संख्या का दबाव चार गुना से भी अधिक हो गया है। विद्यार्थियों को पढ़ने में कोई परेशानी न हो, इसलिए बिजली-पानी की सभी सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
4000 विद्यार्थी हुए वापस
क्षमता से चार गुना से भी अधिक विद्यार्थियों के प्रवेश के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी सीट के अभाव में वापस भी हो जाते हैं। शुक्रवार को लगभग चार हजार विद्यार्थी लाइब्रेरी से वापस लौट गए।
हॉस्टल खाली करा रहा विश्वविद्यालय, सता रही गर्मी
विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में कक्षाएं समाप्त होने के बाद छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं। इस दौरान हॉस्टलों की मरम्मत और रंग-रोगन का काम होता है। हॉस्टल से बाहर निकलने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प के रूप में दिखता है। इसलिए ज्यादातर छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए लाइब्रेरी को सबसे उपयुक्त स्थान के रूप में पाते हैं, जहां एसी में बैठकर वे दिनभर पढ़ाई करते है। यही वजह है कि मई-जून में ही लाइब्रेरी में संख्या ज्यादा बढ़ती है।