‘अगले कुछ साल पश्चिमी तट वाले शरणार्थी शिविर में ही रहना होगा’, इस्राइली रक्षा मंत्री का सेना को आदेश

इस्राइल की सेना अब अगले कुछ साल तक पश्चिमी तट वाले शहरी शरणार्थी शिविरों में रहेगी। इस्राइल के रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा कि सेना को निर्देश दिए गए हैं कि वह अगले कुछ साल तक वेस्ट बैंक के शरणार्थी शिविरों में रहे। उन्होंने कहा कि उत्तरी पश्चिमी तट के तीन शिविरों से 40 हजार फलस्तीनियों का विस्थापन हो गया है। अब वे खाली हो चुके हैं।
काट्ज ने कहा कि सेना शिविर में लंबे समय तक रहने के लिए तैयार रहे। यहां फलस्तीनियों को वापस नहीं आने देना है। वहीं सेना ने कहा कि वह पश्चिमी तट के इलाके में अपना अभियान तेज कर रही है। इसके अलावा जेनिन क्षेत्र में टैंक भेजे गए हैं। इस्राइल-हमास युद्ध के दौरान पश्चिमी तट पर हिंसा में वृद्धि हुई है। पश्चिमी तट से होने वाले फलस्तीनी हमले भी बढ़े हैं। गुरुवार देर रात इस्राइल में तीन खाली खड़ी बसों में विस्फोट हुए। जिसे पुलिस संदिग्ध आतंकी हमला मान रही है।
पश्चिमी तट पर इस्राइल के हमले जारी
गाजा में युद्ध विराम के बाद इस्राइल की सेना फलस्तीनी कब्जे वाले पश्चिमी तट पर हमले तेज कर रहा है। हमलों के बाद जेनिन, तुलकरम और टुबास प्रशासनिक इलाकों में मानवीय स्थिति और भी बदतर हो गई है। यहां इस्राइल के हवाई हमलों, विध्वंस और विस्फोटक हथियारों के इस्तेमाल की वजह से बुनियादी ढांचे बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोग बिजली वा पानी जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी हुए बिना ही जीवन जीन को मजबूर हैं। इन इलाकों में चल रहे सैन्य अभियानों की वजह से हजारों परिवारों को विस्थापन करना पड़ा।