PTI समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की याचिकाएं अदालत से खारिज, PML-N नेताओं की जीत को दी गई थी चुनौती
पाकिस्तान की एक अदालत ने पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की तीस से ज्यादा याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। इन याचिकाओं में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज सहित पीएमएल-एन के शीर्ष नेताओं की जीत को चुनौती दी गई थी। पीटीआई पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है। जो भ्रष्टाचार के मामले में इन दिनों रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।
लाहौर उच्च न्यायालय ने इन याचिकाओं को खारिज किया है। अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित उम्मीदवारों से कहा कि आम चुनाव में हुई कथित धांधली की अपनी शिकायतों के समाधान के लिए चुनाव आयोग (ईसीपी) में जाएं। पीटीआई की यास्मीन राशिद ने नवाज शरीफ के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्होंने लाहौर की एनए-130 सीट पर जीत का दावा किया है। उन्होंने प्रतिवादियों (पीएमएल-एन के उम्मीदवार) की जीत को ‘शर्मनाक’ करार दिया और आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारियों ने परिणामों को एकत्र किया और फॉर्म-47 (परिणाम पत्र) तैयार किया। उन्होने आरोप लगाया कि ताकत का गलत इस्तेमाल किया गया।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अली बकर नजफी ने याचिकाओं पर सुनवाई की। उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने एक अन्य मामले में साफतौर पर फैसला दिया है कि उच्च न्यायालय के ‘असाधारण अधिकार क्षेत्र’ को उच्च न्यायालय के ‘सामान्य अधिकार क्षेत्र’ में नहीं बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि तथ्यो के ऐसे विवादित सवाल होंगे, जिन्हें हल नहीं किया ज सकता है।
उन्होंने कहा, अगर कोई सामान्य समाधान उपलब्ध नहीं है तो संवैधानिक अधिकार क्षेतर का असाधार उपाय लागू किया जा सकता है। अदालत ने याचिकाओं को खारिज किया और याचिकाकर्ताओं को अपनी शिकायतों के समाधान के लिए चुनाव आयोग जाने का निर्देश दिया।