‘ट्रूडो ने जो जहर घोला, उसे…’, भारत-कनाडा के बीच बढ़ते तनाव पर जानें क्या बोले विदेश नीति के जानकार

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा। भारत के राजदूत और अन्य राजनयिकों का नाम बतौर ‘पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट’ में लेने के बाद नई दिल्ली ने सख्त रुख अपनाया है। उसने भारत से छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। अब इस पूरे मामले पर विदेश नीति विशेषज्ञों ने भारत के आंतरिक मामलों में कनाडा के हस्तक्षेप की जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने खालिस्तानी तत्वों का समर्थन करने वाले कनाडाई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और दूतावासों की जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत को कनाडा के हस्तक्षेप की जांच करनी चाहिए: सरीन
विदेश नीति विशेषज्ञ और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के वरिष्ठ फेलो सुशांत सरीन ने कहा, ‘जिन अधिकारियों के बारे में कनाडाई लोगों ने कहा है कि उनके खिलाफ जांच की जा सकती है, उन्हें हम वापस बुला रहे हैं। अगर आप किसी अधिकारी के बारे में यह कहते हैं कि उनकी जांच की जाएगी, तो उनके लिए देश में रहना पूरी तरह से बेईमानी हो जाती है। अधिकारी वहां काम नहीं कर सकते।’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन इसके साथ ही कुछ कार्रवाई भी होनी चाहिए। भारत में कनाडा के हस्तक्षेप की भी जांच होनी चाहिए, चाहे वह उनके एनजीओ हों या उनके दूतावास हों, ताकि उन्हें उजागर किया जा सके कि वे कैसे खालिस्तानियों को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत दूतावास खुला रख सकता है, मगर संबंध और बिगड़ते हैं तो अपने वाणिज्य दूतावास बंद कर सकते हैं।’

‘कनाडा-भारत के संबंध काफी खराब’
सरीन ने दोनों देशों के बीच बिगड़ते संबंधों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘संबंध इतने खराब हो गए हैं कि भले ही ट्रूडो सत्ता में न हों, मुझे नहीं लगता कि रिश्ते जल्द सामान्य होंगे। ट्रूडो ने इस रिश्ते में जो जहर घोला है, उसे ठीक होने में बहुत समय लगेगा और यह रातोंरात नहीं होगा।’

Related Articles

Back to top button