रूस पर लगाए अमेरिकी प्रतिबंधों से अर्थव्यवस्था पर खतरे की आशंका, पाबंदियों पर रूस बोला-असर नहीं पड़ेगा
रूस द्वारा छेड़े गए यूक्रेन युद्ध की शनिवार को दूसरी वर्षगांठ पर अमेरिका ने अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 200 पन्नों की सूची जारी करते हुए 500 प्रतिबंध लगाए हैं। इनकी वजह रूस का यूक्रेन पर हमला और विपक्षी नेता नवलनी की मौत हैं। प्रतिबंधों से विश्व अर्थव्यवस्था पर खतरे की आशंका जताई गई है, जबकि रूस ने कहा, उस पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
वाशिंगटन में रूसी राजदूत अनातोली एंतोनोव ने कहा, ये अवैध प्रतिबंध रूसी संघ के आंतरिक मामलों में दखल का एक और बेशर्म व निंदनीय प्रयास है। प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने यूरोपीय संघ (ईयू) के कई अन्य अधिकारियों के देश में घुसने पर रोक भी लगा दी है। उधर, विशेषज्ञों ने कहा, नए प्रतिबंधों से रूस-अमेरिका के साथ ही वैश्विक अर्व्यवस्था को भी झटका लग सकता है। अटलांटिक काउंसिल के किम डोनोवन ने कहा, रूस के लिए हम जो कदम उठा रहे हैं, वह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बुरे प्रभाव डाल सकते हैं।
कीव पहुंचे पश्चिमी नेता, यूक्रेन को समर्थन देंगे
रूसी हमले की दूसरी वर्षगांठ पर एकजुटता दिखाने के लिए यूरोप, इटली, कनाडा और बेल्जियम के नेता कीव पहुंचे और यूक्रेन को समर्थन का संकल्प जताया। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा, यूरोप तब तक यूक्रेन का समर्थन करेगा जब तक वह अंततः स्वतंत्र नहीं हो जाता।