बारिश में आएगी कमी लेकिन कई जिलों में वज्रपात का अलर्ट, नौ लोगों की मौत…
प्रदेश भर में गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश के दौर के बाद मानसून की सक्रियता में कमी आने के संकेत मंगलवार से ही मिलने लगे हैं। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मंगलवार को रिमझिम फुहारें ही पड़ीं। प्रयागराज में 14.8 मिमी, कानपुर नगर में 1.1, बरेली में 2, फुरसतगंज में 1.1 मिमी बरसात रिकॉर्ड की गई। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बुधवार से बारिश की तीव्रता व क्षेत्रीय वितरण दोनों में कमी आनी शुरू हो जाएगी। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक प्रदेश में बारिश धीरे-धीरे घटेगी, लेकिन बुंदेलखंड, विंध्यक्षेत्र व मध्यवर्ती इलाकों में अभी वज्रपात के साथ बिजली चमकने के आसार हैं।
14 सितंबर तक इन इलाकों में वज्रपात का अलर्ट
बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर समेत आसपास के इलाकों में वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
प्राकृतिक आपदा से नौ लोगों की मौत
प्रदेश में सोमवार शाम से मंगलवार शाम तक विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से नौ लोगों की मौत हुई है। वज्रपात से मिर्जापुर में तीन और प्रयागराज में दो लोगों की मौत हुई है। सीतापुर में पानी में डूबने और सर्पदंश से एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। अतिवृष्टि से बदायूं और सुल्तानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि बलिया, बाराबंकी, बदायूं, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, मऊ और मेरठ की कुल 17 तहसीलों के 91 गांव बाढ़ग्रस्त है। बाढ़ से करीब 8859 लोग प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की तीन, एसडीआरएफ की दो और पीएसी की तीन टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।