ये हैं भारत की नौ दिग्गज महिला नेता, जिन्होंने राजनीति में बड़ा मुकाम किया है हासिल

चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना का पर्व है। ये त्योहार शक्ति और साहस का प्रतीक है। माना जाता है कि महिलाओं में भी नवदुर्गा का कोई न कोई स्वरूप समाहित होता है। कभी वह जगत जननी पार्वती तो कभी मां अन्नपूर्णा के स्वरूप में होती है। कभी आदिशक्ति मां दुर्गा तो कभी धन की देवी मां लक्ष्मी स्वरूपा बन जाती है। हमारे देश की महिलाएं तो घर परिवार, बच्चे संभालने के साथ ही दफ्तर और अपने कामकाज को भी बखूबी संभालती हैं। साथ ही यहां एक ईंट उठाने वाली मजदूर महिला हाथ में बच्चे लिए बोझ उठाए जीवोपार्जन करती हैं।
देश के रक्षा विभाग से लेकर, उद्योग और राजनीति तक में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। खास तौर से राजनीति में महिलाओं की भूमिका बहुत सराहनीय है। इन महिलाओं ने अपनी दृढ़ता और प्रतिभा से राजनीति में एक विशिष्ट स्थान बनाया है। नवरात्रि के पावन पर्व पर ऐसी ही नौ महिलाओं के बारे में जानिए जो राजनीति में अहम योगदान दे रही हैं।
1. द्रौपदी मुर्मू – राष्ट्रपति, भारत
भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साहस और संयम के साथ देश के सर्वोच्च पद तक का सफर तय किया। ओडिशा के एक छोटे से गांव से शुरू हुआ उनका जीवन संघर्ष और समर्पण की मिसाल है। वे देश की एकता और समावेशिता की प्रतीक हैं।
2. निर्मला सीतारमण – वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। उनकी आर्थिक नीतियों और बजट प्रस्तुति ने उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। इसके पहले वह देश की रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं। 2019 से निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के पद भार को संभाल रही हैं।
3. ममता बनर्जी – मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज के दौर में देश की सबसे मजबूत महिला राजनेताओं में एक हैं। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपनी जुझारू शैली से पश्चिम बंगाल की राजनीति में क्रांति ला दी। 2011 से मुख्यमंत्री के रूप में वे लगातार तीन बार सत्ता में आ चुकी हैं।
4. सोनिया गांधी – कांग्रेस नेता
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भारतीय राजनीति में एक विदेशी मूल की महिला के रूप में अपनी जगह बनाई। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने कई महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। आज भी वे पार्टी की रणनीति में अहम भूमिका निभाती हैं।
5. मायावती – बसपा सुप्रीमो
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने दलित समुदाय की आवाज को बुलंद किया है। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने अपने दम पर राजनीतिक शक्ति का निर्माण किया और सामाजिक न्याय की प्रतीक बनीं हुई हैं।