इस बार होगा वो कारनामा, जो भारतीय क्रिकेट के 50 साल के इतिहास में नहीं हुआ
कहानी को फ्लैशबैक से शुरू करते हैं. 13 जुलाई 1974 की बात है. भारतीय टीम पहली बार वनडे फॉर्मेट में मैच खेलने के लिए मैदान में उतरी थी. मुकाबला इंग्लैंड से था और स्टेडियम था लीड्स. महान क्रिकेटर अजीत वाडेकर तब भारतीय टीम के कप्तान हुआ करते थे. वनडे फॉर्मेट में तब 55 ओवर का मैच हुआ करता था. सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, फारूख इंजीनियर, मदन लाल, एकनाथ सोलकर, बिशन सिंह बेदी, वेंकटराघवन जैसे खिलाड़ी उस मैच में भारतीय टीम का हिस्सा थे.
उस मैच में भारतीय टीम ने स्कोरबोर्ड पर 265 रन जोड़े थे. इसमें ब्रजेश पटेल ने सबसे ज्यादा 82 रन बनाए थे. इंग्लैंड ने 266 रन का लक्ष्य 51.1 ओवर में 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया था. जॉन एड्रिच ने 97 गेंद पर 90 रनों की शानदार पारी खेली थी. उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था. इस तरह भारतीय क्रिकेट टीम का वनडे क्रिकेट इतिहास हार के साथ शुरू होता है, लेकिन आज तकरीबन 50 साल बाद भारतीय क्रिकेट टीम जिस मुकाम पर है उसकी चर्चा दुनिया भर में है. भारतीय टीम के वनडे इतिहास के पहले मैच की यादों को ताजा करने के बाद अब मौजूदा समय में लौट आते हैं और आपको बताते हैं कि क्या भारतीय टीम कौन सा कारनामा कर सकती है जो अब तक उसने कभी नहीं किया है.
एक मैच में तीन शतक का कारनामा
वनडे क्रिकेट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. सत्तर के दशक में पहला वनडे मैच खेला गया था. तब से लेकर अब तक एक कारनामा ऐसा है जो सिर्फ दो टीमों ने किया है. ये कारनामा है एक ही वनडे मैच में तीन शतक लगाने का. यानि वो मैच जब किसी टीम के तीन खिलाड़ियों ने एक ही पारी में शतक जड़ दिया हो. ये कारनामा अब तक वनडे क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ 4 बार हुआ है, जिसमें से 3 बार ये कारनामा साउथ अफ्रीका की टीम ने किया है और एक बार इंग्लैंड की टीम ने. वैसे साउथ अफ्रीका की टीम इस वर्ल्ड कप में भी ये कारनामा कर चुकी है.
7 अक्टूबर को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए मैच में उसकी तरफ से क्विंटन डीकॉक, रासी वैन डर दुसैं और एडेन मार्करम ने ये कारनामा किया था. इससे पहले 2015 में दक्षिण अफ्रीका ने ये कारनामा वेस्टइंडीज और भारत की टीम के खिलाफ किया था. वेस्टइंडीज के खिलाफ मुकाबले में हाशिम अमला, रिली रूसो और एबी डीविलियर्स ने शतक लगाया था. भारत के खिलाफ मैच में क्विंटन डीकॉक, फाफ ड्यू प्लेसी और एबी डीविलियर्स ने शतक जड़ा था. इंग्लैंड ने जब नीदरलैंड्स के खिलाफ ये कारनामा किया था तो उस मैच में फिल सॉल्ट, डेविड मलान और जोस बटलर के शतक थे. यानि वनडे मैच की एक पारी में 3 शतक ठोंकने का कारनामा अब तक सिर्फ 4 बार हुआ है. जिसका ब्यौरा हमने आपको दे दिया. ये भी साफ है कि ये कारनामा भारतीय टीम ने कभी नहीं किया.
भारतीय टीम इस रिकॉर्ड के बेहद करीब थी
अब पूरी तरह 2023 विश्व कप में आ जाते हैं. भारत ने अपने सातवें लीग मैच में श्रीलंका को 302 रन से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली. लेकिन इस मैच में सबसे दिलचस्प बात थी 3 बल्लेबाजों का प्रदर्शन. ये तीन बल्लेबाज हैं विराट कोहली, शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर. बदकिस्मती से इन तीनों बल्लेबाजों में से कोई भी शतक नहीं लगा पाया, लेकिन स्कोर और मैच के हालात जानकर आप भी समझ जाएंगे कि तीनों के तीनों बल्लेबाज अपना शतक पूरा कर सकते थे. यानि वनडे क्रिकेट का वो इतिहास कायम कर सकते थे जो अब तक भारतीय टीम के नाम नहीं है. शुभमन गिल 92 रन बनाकर आउट हुए. तब मैच में 20 ओवर से ज्यादा का खेल बाकि था. वो आराम से अपना शतक पूरा कर सकते थे. विराट कोहली 88 रन बनाकर आउट हुए. तब मैच में 18 ओवर से ज्यादा का खेल बाकि था. वो भी बड़े आराम से अपना शतक पूरा कर सकते थे. श्रेयस अय्यर 82 रन बनाकर आउट हुए.
तब भी मैच में 15 गेंद का खेल बाकि था, वो भी चाहते तो आराम से अपना शतक पूरा कर सकते थे, लेकिन इन तीनों बल्लेबाजों ने अपने व्यक्तिगत रिकॉर्ड की बजाए टीम के हित को ध्यान में रखा. वरना एक पारी में 3 शतक के रिकॉर्ड वाली लिस्ट में भारतीय टीम का नाम भी दर्ज हो जाता.
शतक नहीं टीम का स्कोर है प्राथमिकता
अमूमन ऐसा होता है कि शतक के करीब पहुंचकर ज्यादातर बल्लेबाज के रनों की रफ्तार कम हो जाती है. वो शतक बनाने के लिए थोड़ा सतर्क हो जाता है. शतक बनाने के बाद वो एक बार फिर खुलकर शॉट्स लगाता है और अपने स्ट्राइक रेट को ठीक कर लेता है, लेकिन कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि बल्लेबाज शतक लगाने में एक्सट्रा गेंद खेलते हैं और शतक के तुरंत बाद आउट हो जाते हैं. ऐसे में टीम के स्कोरबोर्ड पर कुछ रन कम जुड़ते हैं.
टीम इंडिया के बल्लेबाज ऐसा करने से बचते हैं. उन्हें पता है कि वर्ल्ड कप जीतना है तो व्यक्तिगत उपलब्धियों को दूर रखना होगा. इसी वर्ल्ड कप में कप्तान रोहित शर्मा दो शतक से चूक गए हैं. पाकिस्तान के खिलाफ वो 86 रन बनाकर आउट हुए थे. जबकि इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 87 रन पर अपना विकेट गंवाया था. अब जब टीम का कप्तान ही अपने शतक की परवाह किए बिना टीम के स्कोरबोर्ड को मजबूत कर रहा है तो बाकि खिलाड़ी भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं. बावजूद इसके जितने मामूली अंतर से खिलाड़ियों ने शतक ‘मिस’ किया है, ये साफ है कि जिस दिन थोड़ा सा साथ किस्मत का भी मिल गया एक पारी में तीन शतक के बड़े रिकॉर्ड में भारतीय टीम का नाम भी जुड़ जाएगा. क्या पता वो दिन इसी वर्ल्ड कप में देखने को मिले.