सोत नदी के पुल पर यातायात प्रतिबंधित, फिर भी जान जोखिम में डालकर गुजर रहे बाइक सवार

बदायूं:  बदायूं के बिसौली में सोत नदी पर भारी वाहनों से लेकर बाइकों तक का आना-जाना प्रशासन ने बंद कर दिया है। दोनों ओर संकेतक के साथ ही रास्ता काटकर बंद किया गया है। वहीं, लोगों ने मिट्टी डालकर पत्थर हटाकर रास्ता बना लिया और बाइक लेकर जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुल पर चल रहे हैं। यह लापरवाही हादसे का सबब बन सकती है।

सोत नदी के पुल को बृहस्पतिवार रात से यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया। अब तक इस पुल से छोटे वाहनों का आवागमन जारी था। छोटे वाहनों की आड़ में पुल से भारी वाहन भी बेरोकटोक गुजर रहे थे। ऐसे में हादसे की आशंका को देखते हुए यह फैसला लिया गया। विभाग द्वारा खोदी गई सड़क पर पत्थर व मिट्टी डाल दी गई है। लोगों ने गहरे गड्डों में पत्थर डालकर बाइक निकालने का रास्ता बना लिया गया है। शुक्रवार को दिन भर बाइक सवार बेरोकटोक दौड़ते नजर आए।

पुल बंद करने की वजह

बिसौली से बिल्सी, इस्लामनगर और सहसवान को जोड़ने वाले मार्ग पर रानेट चौराहे के पास पुल है। पुल 50 साल से ज्यादा पुराना हो चुका है। पुल शाहबाद-कछला राजमार्ग-109 से भी जुड़ा है। 14 अक्तूबर 2023 में भारी वाहनों के लिए प्रवेश बंद कर दिया गया था, लेकिन छोटे वाहनों की आड़ में बड़े वाहन भी बेरोकटोक पुल से निकलने लगे।

दातागंज हादसे के बाद शासन ने फटकार लगाई तो इस पुल की भी लोक निर्माण विभाग को इसकी सुध आई और रातों-रात इस पर आवागमन बंद करने का फरमान सुना दिया गया। विभाग की लापरवाही के चलते एक साल बीत जाने के बाद भी पुल बनवाने की प्रक्रिया तक पूरी नहीं की जा सकी। अब जब कार्रवाई पर आई तो इसे बंद कर करीब 50 हजार लोगों को एकदम प्रभावित कर दिया।

50 से अधिक गांव प्रभावित
बिसौली क्षेत्र के 50 से अधिक ऐसे गांव हैं जो पुल बंद होने सीधे प्रभावित हो रहे हैं। इन लोगों को बिसौली की जगह बिल्सी या फिर इस्लामनगर व सहसवान जाकर जरूरत का सामान खरीदना होगा। चार किलोमीटर दूर बिसौली पहुंचने में 18 से 20 किलोमीटर का फेर लगाना होगा। गांव करीब 20 बिल्सी रोड के हैं तो 20 इस्लामनगर तथा 10 सहसवान रोड़ के भी शामिल हैं जो प्रभावित हुए हैं।

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