घर-घर बेचता था सब्जी, फिर किया कुछ ऐसा कि घर बैठे बना लिए 21 करोड़
घर-घर सब्जी बेचने वाला 27 साल का लड़का महज 6 महीने में 21 करोड़ रुपये का मालिक बन गया. ये किसी फिल्म की स्टोरी नहीं, बल्कि फरीदाबाद के एक सब्जी बेचने वाली की कहानी है, जिसने पैसा कमाने का शॉर्टकट रास्ता पकड़ा. पैसे तो बना लिए पर अब जेल जाने के रास्ते पर है. उत्तराखंड पुलिस ने इस युवक को जालसाजी और फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
दरअसल, कोरोनाकाल में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सहूलियत देने के लिए वर्क फ्रॉम होम कल्चर शुरू किया और यही तरीका देश के लाखों लोगों के लिए गले की फांस बन गया. वर्क फ्रॉम होम के नाम पर देश के लाखों लोगों के साथ ठगी और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. ऋषभ भी जहां पहले घर-घर सब्जी बेचकर परिवार का पेट पालता था, वहीं कोरोनाकाल में ऑनलाइन फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया.
कितना बड़ा है ऋषभ का नेटवर्क
पुलिस गिरफ्त में आने के बाद खुलासा हुआ है कि ऋषभ ने अब तक देश के करीब 10 राज्यों में 855 से ज्यादा स्कैम किए हैं. इसमें से 37 में उसके सीधे इनवॉल्वमेंट का पता चला है. इन स्कैम से ऋषभ ने करीब 21 करोड़ रुपये बना लिए और वह भी महज 6 महीने के भीतर. उसका आखिरी अपराध उत्तराखंड के एक कारोबारी के साथ था, जहां उसने 20 लाख रुपये ठगे थे. ऋषभ ऐसे लोगों के साथ जुड़ा है, जो चीन और सिंगापुर तक अवैध रूप से पैसे भेजने और लाने का काम करते हैं.
कैसे पकड़ा अपराध का रास्ता
कोरोनाकाल से पहले ऋषभ फरीदाबाद में सब्जी की रेहड़ी लगाता था. महामारी ने काम छीन लिया तो घर बैठे काम खोजना शुरू कर दिया और इसी दौरान एक ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया जो पहले से ही ऑनलाइन फर्जीवाड़े का धंधा चला रहा था. उसने ऋषभ को कुछ लोगों के फोन नंबर्स की लिस्ट पकड़ाई और ऑनलाइन स्कैम करना शुरू कर दिया.
कैसे फंसाता था लोगों को
ऋषभ के काम करने का तरीका एकदम अलग था और देखने में बिलकुल सच लगता था. यही कारण है कि उसने वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन काम का लालच देकर करोड़ रुपये कमा लिए. ऋषभ ने मैरियट बोनवॉय होटल (Marriott Bonvoy Hotel) की फर्जी वेबसाइट बनाई और लोगों को घर बैठे पार्ट टाइम काम करने का ऑफर देने लगा. इस काम में उसकी दोस्त सोनिया भी शामिल हो गई, जिसकी पहचान होटल के कर्मचारी के तौर पर कराता था.
इसके बाद ऋषभ ने एक फर्जी टेलीग्राम ग्रुप बनाया और लोगों से इस ग्रुप को ज्वाइन करने के साथ होटल का रिव्यू लिखने और फर्जी कस्टमर के सवालों के जवाब देने के लिए कहा. शुरुआत में भरोसा जमाने के लिए उसने लोगों को 10 रुपये तक भुगतान भी किया. लेकिन, बाद में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर उनसे मोटी रकम अपने खाते में डलवाई और रफूचक्कर हो गया. ऋषभ के तार ऐसे लोगों से जुड़े हैं जो दूसरे देशों में अपराध की रकम डलवाने के लिए फर्जी खाते खुलवाते हैं.