ब्रिटेन में लोगों की एकजुटता से हिंसक दंगे थमे, किंग्स चार्ल्स ने की सामुदायिक भावना की तारीफ
ब्रिटेन में हाल ही में हुए हिंसक दंगों पर लोगों ने एकजुट होकर लगाम लगाई। नस्लवादी प्रदर्शनकारियों ने दक्षिणपंथ के विरोध में हिंसा फैलाने वालों का डटकर सामना किया। ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स तृतीय ने लोगों की इस एकजुटता और सामुदायिक भावना की तारीफ की है। उन्होंने आक्रामकता और आपराधिकता के आगे खड़े होकर मुश्किल घड़ी में 700 गिरफ्तारियां कराने पर लोगों की प्रशंसा की।
बकिंघम पैलेस के मुताबिक शुक्रवार शाम को 76 वर्षीय किंग चार्ल्स ने फोन करके प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और ब्रिटेन के पुलिस अधिकारियों से काफी देर तक बात की और उनका हौसला बढ़ाया। पैलेस के प्रवक्ता के मुताबिक किंग ने एक संयुक्त कॉल के जरिये प्रधानमंत्री स्टार्मर, राष्ट्रीय पुलिस प्रमुखों की परिषद के अध्यक्ष, मुख्य कांस्टेबल गेविन स्टीफेंस और एसेक्स के मुख्य कांस्टेबल यूके गोल्ड कमांडर बेन हैरिंगटन से बात की।
पैलेस के मुताबिक कॉल के जरिये राजा ने मौजूदा स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने पुलिस और आपातकालीन सेवा संभालने वालों का फिर से शांति कायम करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके अलावा किंग ने सामुदायिक भावना को बढ़ाने वाले कई अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने एकजुट होकर आक्रामकता और आपराधिकता का सामना किया। किंग्स चार्ल्स तृतीय ने आशा की है कि आपसी सम्मान और समझ के साझा मूल्य राष्ट्र को मजबूत और एकजुट करते रहेंगे।
क्यों भड़की हिंसा?
सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलाई गई कि साउथपोर्ट में बच्चों की हत्या करने वाला युवक कट्टरपंथी मुस्लिम प्रवासी था। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि 17 साल का संदिग्ध चाकूबाज, जिसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। इसके बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। अप्रवासी विरोधी और मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ब्रिटेन के लिवरपूल, ब्रिस्टल, हल और बेलफास्ट में प्रदर्शन किए। इनके विरोध में नस्लवाद विरोध करने वाले भी सड़क पर आ गए और दोनों गुटों में जमकर हिंसक झड़प हुई। दोनों ने एक दूसरे पर ईंटें और बोतलें फेंकीं।