बिना दवा लिवर की परेशानी को दूर कर सकते हैं ये योगासन, अभ्यास से आजमाएं
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लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन डिटॉक्सिफिकेशन और ऊर्जा भंडारण जैसी कई जरूरी प्रक्रियाओं में भूमिका निभाता है। लिवर पर कई कारणों से अलग पड़ सकता है, जिसमें से एक खराब जीवनशैली और खानपान है। अधिक शराब का सेवन करने, वायरल संक्रमण होने, अस्वास्थ्यकर आहार के सेवन, मोटापा और डायबिटीज से लिवर खराब हो सकता है। इसके अलावा दवाइयों और केमिकल्स के अधिक सेवन, अनुवांशिक रोग और लंबे समय तक तनाव व नींद की कमी भी लिवर पर असर डालती है।
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ लिवर आवश्यक है। लिवर पाचन में सहायक है। यह शरीर से टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्व निकालकर रक्त साफ करता है। रक्त संचार और थक्के बनने में मदद करता है। हार्मोन को नियंत्रित करता है जिससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है। लिवर इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से बचाता है।
ऐसे में लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन करें। पर्याप्त पानी पिएं। नियमित व्यायाम करें और कुछ योगासनों के अभ्यास की आदत डालें। योग लिवर को स्वस्थ बनाने में सहायक है। आइए जानते हैं लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने और सेहतमंद रखने वाले योगासनों के बारे में।
धनुरासन
अगर आपको फैटी लिवर की समस्या है तो धनुरासन बहुत उपयोगी है। इस आसन के अभ्यास से लिवर की मालिश होती है और पाचन तंत्र उत्तेजित होता है। धनुरास करने के लिए पेट के बल उल्टा लेटकर पैरों को पीछे से पकड़ना होता है। आप जितनी देर आराम से इस आसन को कर सकते हैं, तब तक करते रहिए। जितना हो सके आसन को दोहराएं।
भुजंगासन
भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं, जिसमें शरीर का आकार फन फैलाए कोबरा जैसा बनाया जाता है। इस आसन के अभ्यास से पूरे शरीर में खिंचाव आता है, जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और विषहरण में मदद मिलती है। भुजंगासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर हथेलियों को कंधों के पास रखें। धीरे-धीरे सांस लेते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाएं। इस दौरान पेट को जमीन पर लगे रहने दें। इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें, फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
कपालभाति प्राणायाम
एक श्वास व्यायाम लीवर सिरोसिस, पीलिया और हेपेटाइटिस के इलाज में मदद कर सकता है। कपालभाति के अभ्यास के लिए पदमासन या वज्रासन में बैठकर गहरी सांस लें और इसे नाक से निकालें। एक बार सांस लेने की क्रिया पांच से 10 सेकेंड के बीच होनी चाहिए। प्राणायाम को हर दिन 15 मिनट करें। इससे लिवर की कार्यक्षमता में सुधार आता है।