प्रेम जाल में फंसाकर युवक ने दो सगी नाबालिग बहनों को भिवानी में बेचा, माता-पिता की हो चुकी है मौत
हरियाणा केभिवानी से मानव तस्करी निरोधक स्टेट क्राइम ब्रांच और बाल कल्याण समिति की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू कर आसाम से लाकर यहां बेची गई दो नाबालिग बहनों को दो अलग-अलग गांवों से बरामद किया है।
एक युवक ने प्रेम जाल में फंसाकर दोनों बहनों को भिवानी में लाकर लाखों रुपयों में बेच डाला। जिसके बाद दोनों ही बहनों को स्टेट क्राइम ब्रांच और सीडब्ल्यूसी की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू कर सोमवार दोपहर बाद बरामद कर लिया है। दोनों लड़कियों को भिवानी लाकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिसके बाद उन्हें बाल सेवा आश्रम भेजा गया है।
मानव तस्करी निरोधक स्टेट क्राइम ब्रांच के एसआई संजय सिंह, डीसीपीओ संदीप कुमार और बाल कल्याण समिति सदस्य सतेंद्र तंवर की अगुवाई में टीम सदस्यों ने सोमवार दोपहर बाद गांव हरियाणवास में बने एक मकान से साढ़े 16 साल की नाबालिग लड़की को बरामद किया। इसी लड़की की 15 वर्षीय सगी बहन को इसके बाद बहल क्षेत्र के गांव बिधनोई में एक घर से बरामद कर लिया गया।
दोनों बहनों ने बताया कि वे आसाम की रहने वाली हैं। बड़ी बहन ने बताया कि उनके माता-पिता की मौत हो चुकी है और वह अपने एक मामा के घर रहती थी। उनके पड़ोसी गांव का एक युवक उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसाकर यहां लाया और उन्हें फिर बेच डाला।
सीडब्ल्यूसी सदस्य सतेंद्र तंवर ने लड़कियों से प्रारंभिक पूछताछ के बाद बताया कि बड़ी बहन को आरोपी युवक करीब दो माह पहले ही प्रेम जाल में फंसाकर अपनी बहन के घर ले गया। जहां उसके साथ कई दिनों तक दुष्कर्म किया और फिर एक दलाल से सेटिंग कर उसे एक लाख 10 हजार रुपये में गांव बिधनोई में एक व्यक्ति को बेच डाला। जबकि आरोपी कुछ दिन बाद उसी की 15 साल की छोटी बहन को भी अपने प्रेम जाल में फंसाकर यहां लाया और उसे एक लाख 30 हजार रुपये में हरियावास गांव में एक व्यक्ति को बेच दिया।
मानव तस्करी निरोधक स्टेट क्राइम ब्रांच के साथ दो नाबालिग बहनों को बरामद किया गया है। ये मामला मानव तस्करी और पॉक्सो व दुष्कर्म से जुड़ा है। इस संबंध में दोनों लड़कियों का नागरिक अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने के उपरांत उन्हें बाल सेवा आश्रम भेजा है। परिजनों ने भी इस संबंध में वहां एफआईआर दर्ज कराई है। यहां पर भी मंगलवार को काउंसलिंग कराकर इस संबंध में आगामी कानूनी कार्रवाई कराई जाएगी। -सतेंद्र तंवर, सदस्य बाल कल्याण समिति भिवानी।