कांग्रेस में युवाओं को मिलेगा मौका,55 सीटें खाली
राजस्थान के उदयपुर में इसी महीने हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर में पार्टी के ‘उदय’ के लिए कुछ फैसले लिए गए थे। इनमें से ही एक फैसला यह था कि युवाओं को बड़े पैमाने पर भागीदारी दी जाएगी। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। देश के 11 राज्यों में राज्यसभा की 55 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से 11 सीटों पर कांग्रेस जीतने की स्थिति में है, लेकिन इस रेस शुरू हो गई है। पार्टी के ज्यादातर अनुभवी चेहरे अपनी दावेदारी जता रहे हैं। ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि युवाओं को मौका देने के कांग्रेस के संकल्प का क्या होगा।
यही नहीं पार्टी लीडरशिप भी कपिल सिब्बल के एग्जिट के बाद दबाव में है, जिन्होंने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने जाने के लिए समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भी दाखिल कर दिया है। एक तरफ मुकुल वासनिक महाराष्ट्र से राज्यसभा जाने की रेस में हैं तो वहीं पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी. चिदंबरम, जयराम रमेशन, अंबिका सोनी, विवेक तन्खा, प्रदीप टम्टा और छाया वर्मा का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इन सभी नेताओं को एक बार फिर से राज्यसभा जाने की उम्मीद है।
इनमें से दो सीनियर नेताओं पी. चिदंबरम और जयराम रमेश को लेकर पार्टी हाईकमान पर भी सहमत नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक पी. चिदंबरम को तमिलनाडु से तो जयराम रमेश को कर्नाटक से राज्यसभा भेजा जा सकता है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि 5 बार सांसद रह चुकीं अंबिका सोनी को दोबारा मौका मिलता है या नहीं। इसके अलावा गुलाम नबी आजाद को राजस्थान से भेजे जाने की चर्चा है और आनंद शर्मा भी खुद को रेस से बाहर नहीं मान रहे हैं। टीम राहुल गांधी का हिस्सा कहे जाने वाले रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन भी दावेदारी जता रहे हैँ।